Edited By Sunita sarangal, Updated: 07 Nov, 2024 01:56 PM
गौरतलब है कि कल प्रस्ताव पारित होने के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ जिसके चलते सत्र को वीरवार के लिए स्थगित कर दिया गया।
जम्मू डेस्क : जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित कर दिया गया। उक्त प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने एवं संवैधानिक गारंटी बहाल करने हेतु लाया गया था। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद सत्र में भाजपा के नेताओं की ओर से जमकर हंगामा किया गया।
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विधानसभा सत्र में उक्त प्रस्ताव को नेशनल कांफ्रेंस ने पी.डी.पी. के समर्थन के साथ पारित तो कर दिया लेकिन अब फैसला केंद्र सरकार के पास है। केंद्र सरकार की ओर से उक्त प्रस्ताव को रद्द भी किया जा सकता है। अब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार पर इसका क्या असर पड़ता है यह देखने वाली बात होगी लेकिन विधानसभा सत्र में नेशनल कांफ्रेंस ने अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पारित किए प्रस्ताव ये यह साबित कर दिया है कि वह पीछे नहीं हटेगी और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाकर रहेगी लेकिन भाजपा भी इस प्रस्ताव के विरोध मे डटकर खड़ी है।
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गौरतलब है कि कल प्रस्ताव पारित होने के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ जिसके चलते सत्र को वीरवार के लिए स्थगित कर दिया गया। स्पीकर को लगा कि जब सत्र दोबारा शुरू होगा तो थोड़ी शांति बहाल होगी लेकिन आज वीरवार को सत्र की शुरूआत ही हंगामे के साथ हुई। भाजपा के विधायकों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी।
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सत्र की शुरूआत में विपक्ष के नेता (एल.ओ.पी.) सुनील शर्मा ने कल पारित प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया। इस भाषण में विधायक लंगेट शेख खुर्शीद ने हस्तक्षेप किया और सदन में अनुच्छेद 370 की बहाली और राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग करते हुए पोस्टर उठाया। इस दौरान भाजपा विधायकों ने विरोध जताया और सदन में जमकर हंगामा हुआ। उन्होंने कश्मीर के विधायकों से पोस्टर छीनने की कोशिश की, जिसके बाद उनकी आपसी भिड़ंत हो गई। इस दौरान भाजपा के नेताओं की नेशनल कांफ्रेंस और पी.डी.पी. के विधायकों में धक्कामुक्की और हाथापाई भी हुई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। फिर सत्र जब शुरू हुआ तो भाजपा के नेता अपनी सीटों से उठकर विरोध करने वेल में चले आए। स्पीकर ने इस दौरान कहा कि जो वेल में आए उनको बाहर निकालो। जिसके बाद मार्शलों ने भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया। वहीं हंगामा न रूकते हुए देखकर स्पीकर ने फिर से सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
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