Edited By Sunita sarangal, Updated: 12 Apr, 2025 12:29 PM

जब घाटियां गहरी होती हैं और पहाड़ रास्ता रोकते हैं, तब इंसान के सपने ऊंचे हो जाते हैं।
जम्मू: विश्व की जन्नत के नाम से प्रसिद्ध जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कश्मीर संभाग को शेष भारत से जोड़ने के लिए रेलवे के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़े जाने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। रेलवे के कटड़ा-बनिहाल-श्रीनगर रेल ट्रैक पर आधुनिक तकनीक से पुल और लम्बी सुरंगों का निर्माण किया गया है जोकि भारतीय इंजीनियरों की काबलियत का अनूठा प्रमाण है।
यह भी पढ़ेंः Breaking : भयानक हादसे का शिकार हुई Students को Picnic ले जा रही बस, मंजर देख कांप उठे लोग
जब घाटियां गहरी होती हैं और पहाड़ रास्ता रोकते हैं, तब इंसान के सपने ऊंचे हो जाते हैं। कश्मीर के दिल तक पहुंचने के इन्हीं ऊंचे सपनों ने फिर से एक नई कहानी को जन्म दिया है। ये कहानी एक पुल की है जो सिर्फ लोहे और केबल से नहीं, हिम्मत और हुनर से भी बना है। ये कहानी है भारत के पहले केबल-स्टे रेलवे ब्रिज ‘अंजी खड्ड ब्रिज’ की जो जम्मू-कश्मीर की चुनौतीपूर्ण घाटियों के बीच अंजी नदी की गहरी खाई को पाटता है। कटड़ा और रियासी के बीच कनैक्टिविटी को एक नया आयाम देने जा रही यह अद्भुत संरचना भारतीय इंजीनियरिंग के आत्मविश्वास और कौशल की मिसाल है।
यह भी पढ़ेंः Kishtwar Encounter: सुरक्षाबलों ने आतंकियों के कमांडर सहित 3 को किया ढेर, पढ़ें पूरा Update
यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यू.एस.बी.आर.एल.) परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कटड़ा-बनिहाल रेल खंड में बनाया गया है। आकर्षक डिजाइन के साथ बने इस ब्रिज का चुनौतीपूर्ण निर्माण कार्य सिर्फ 11 महीने में ही पूरा कर लिया गया है जो नदी तल से 331 मीटर ऊंचाई पर स्थित है जबकि नींव से 193 मीटर ऊंचा एक मजबूत सैंट्रल पायलन पर टिका हुआ है, जो इसकी पूरी संरचना को संतुलन में रखता है। अंजी खड्ड ब्रिज, चिनाब ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज भी है।
यह भी पढ़ेंः Akhnoor Encounter में बड़ी Update, घुसपैठ की कोशिश नाकाम, एक अधिकारी शहीद
इस ब्रिज से जुड़े हुए हैं जम्मू-कश्मीर के विकास के तार
मौजूदा आवश्यकताओं के मद्देनजर बने इस ब्रिज से जम्मू-कश्मीर के विकास के तार जुड़े हुए हैं। यह ब्रिज घाटी के दूर-दराज इलाकों में बसे गांवों और कस्बों का बड़े शहरों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करता है जिससे विकासशील जगहों पर चिकित्सा, शिक्षा और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता आसान हो जाएगी। बेहतर कनैक्टिविटी की वजह से स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के नए अवसरों का सृजन होगा साथ ही घाटी में व्यापार और पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
यह भी पढ़ेंः Jammu Kashmir : शिक्षा विभाग ने बड़े स्तर पर किए Transfers, पढ़ें पूरी List
अंजी ब्रिज का निर्माण
-पुल की कुल लंबाई : 725 मीटर
- नदी के तल से ऊंचाई: 331 मीटर
- सैंट्रल पायलन की ऊंचाई: 193 मीटर
- केबल की संख्या : 96
- केबल का कुल वजन: 849 मीट्रिक टन
- केबल की कुल लंबाई : 653 किलोमीटर
- निर्माण में कुल स्टील का इस्तेमाल : 8,215 मीट्रिक टन।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here