Edited By Sunita sarangal, Updated: 31 Jul, 2024 04:58 PM
कई आतंकी डोडा, पुंछ, राजौरी, रियासी, कठुआ आदि इलाकों के घने जंगलों में छिप कर बैठे हैं।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। इन आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को टैक्टिकल उपकरणों से लैस किया जाने वाला है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों को 5 हजार टैक्टिकल उपकरण दिए जाएंगे। साथ ही टैक्टिकल के 40 लाइट मोटर व्हीकल भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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जानकारी के अनुसार इन टैक्टिकल उपकरणों में 1 हजार इंफ्रारेड लेजर लाइट और 4 हजार इंफ्रारेड पैच शामिल हैं। इन लेजर लाइट की खासियत यह है कि घने अंधेरे में भी यह 800 मीटर की दूरी से अपने दुश्मन को पहचान कर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है। वहीं इंफ्रारेड पैच सुरक्षाबलों को उनके दुश्मनों और साथियों के बीच में फर्क पता लगाने में मदद करेगा। बता दें कि इस समय आतंकी घने जंगलों में छिपे हुए हैं। ऐसे में सुरक्षाबल उन्हें ढूंढने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इस दौरान रात के समय में घने अंधेरे में सर्च ऑपरेशन चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए लेजर लाइट 800 मीटर की दूरी से ही आतंकियों का पता लगा लेगी और उनका सफाया कर देगी।
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वहीं इंफ्रारेड पैच सुरक्षाबलों की जैकेट पर लगाए जाएंगे। ये पैच रात के समय में दुश्मनों और सुरक्षाबलों के जवानों में अंतर दिखाएगा और रात के घने अंधेरे में भी सुरक्षाबल आतंकियों को पहचान सकेंगे। दोनों उपकरण हर तरह के मौसम, माइनस 30 डिग्री और अधिकतम 50 डिग्री तक के तापमान में भी काम करेंगे। वहीं टैक्टिकल वाहनों की अगर बात करें तो ये पूर्ण रूप से बुलेटप्रूफ होंगे लेकिन इनके बारे में अधिक जानकारी सांझा नहीं की जाएगी। इन वाहनों की खासियत गुप्त रखी जाएगी। बताया जा रहा है कि जल्द ही ये वाहन तैयार होकर पुलिस के पास पहुंच जाएंगे।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार अपने नापाक इरादों को अंजाम देने में लगे हुए हैं। कई आतंकी डोडा, पुंछ, राजौरी, रियासी, कठुआ आदि इलाकों के घने जंगलों में छिप कर बैठे हैं। यहीं से मौका देखकर ये आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं। इन आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए और आतंकियों को ढूंढ कर उनका सफाया करने के लिए सुरक्षाबलों को टैक्टिकल उपकरण दिए जाएंगे। इन उपकरणों के बाद सुरक्षाबलों की ताकत और बढ़ जाएगी।