Edited By VANSH Sharma, Updated: 17 Sep, 2025 04:23 PM

इससे कश्मीर घाटी से देशभर की मंडियों की ओर जा रहे सैकड़ों फलों से लदे ट्रकों को राहत मिली है।
जम्मू-कश्मीर डेस्क: श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे (NH-44) बुधवार, 17 सितंबर को तीन हफ्तों बाद भारी वाहनों के लिए खोल दिया गया। इससे कश्मीर घाटी से देशभर की मंडियों की ओर जा रहे सैकड़ों फलों से लदे ट्रकों को राहत मिली है।
लगातार बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से हाईवे को काफी नुकसान पहुंचा था। सड़क कई जगह से टूट गई थी और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोकनी पड़ी। इस कारण फल उत्पादकों को चिंता थी कि उनकी फसल समय पर देश की मंडियों तक नहीं पहुंच पाएगी। पिछले हफ्ते हाईवे को केवल हल्के वाहनों के लिए खोला गया था, लेकिन भारी ट्रकों को अनुमति नहीं मिली थी। अब ट्रकों की आवाजाही शुरू होने से फल किसानों और कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है।
ट्रैफिक-ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रविंद्र सिंह ने बताया कि फलों से भरे ट्रकों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि जितने ज्यादा से ज्यादा ट्रक सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुंचें। सिंह ने ड्राइवरों से अपील की कि वे ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन करें और ओवरटेक से बचें, क्योंकि नियम तोड़ने से हादसे हो सकते हैं और सड़क को फिर से बंद करना पड़ सकता है।
हाईवे बंद रहने के दौरान प्रशासन ने फलों की ढुलाई के लिए मुगल रोड का इस्तेमाल किया, लेकिन उसकी दुर्गम पहाड़ी राहें भारी वाहनों के लिए सुविधाजनक साबित नहीं हु। अब हाईवे खुलने से उम्मीद है कि फलों से लदे सभी ट्रक जल्द ही देश के अलग-अलग राज्यों की मंडियों तक पहुंच जाएंगे।
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