Edited By Neetu Bala, Updated: 31 Jul, 2024 04:59 PM
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थियों को राज्य भूमि का मालिकाना हक दे दिया है।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थियों को राज्य भूमि का मालिकाना हक दे दिया है। इससे जम्मू संभाग के जम्मू, कठुआ व राजौरी में बसने वाले लोगों को फायदा पहुंचेगा। सात दशक बाद 2019 में इन्हें नागरिकता और वोट देने का अधिकार मिला था।
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अनुच्छेद 370 हटने की पांचवीं सालगिरह से पांच दिन पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थियों को बड़ा तोहफा दिया है। इनके साथ लंबे समय से चले आ रहे भेदभाव को समाप्त करते हुए सरकार ने राज्य भूमि का मालिकाना हक दे दिया है। इससे जम्मू संभाग के जम्मू, कठुआ व राजौरी में बसने वाले लोगों को फायदा पहुंचेगा। इसी बात की खुशी यह लोग मना रहे हैं व एक-दूसरे का मुँह मीठा करवाया जा रहा है, क्योंकि ऐसा अधिकार मिलने में इन लोगों को सात दशक लग गए और जब अनुछेद और आर्टिकल 35 A को हटाया तब जाकर इन लोगों को इनके हक मिले हैं जिससे अब वे जम्मू-कश्मीर राज्य में सरकारी नौकरी भी कर सकते हैं।
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हालांकि इनको पहले सिर्फ लोकसभा के चुनाव में वोट डालने का हक था, लेकिन अब इनके डोमिसाइल बन चुके हैं और यह लोग अब विधान सभा के चुनाव में भी अपने मत का इस्तेमाल के सकते हैं। जमीन पर मालिकाना हक मिलने पर यह लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ग्रह मंत्री अमित शाह और सूबे के एलजी मनोज सिन्हा का शुक्रिया कर रहे हैं।