Edited By Neetu Bala, Updated: 26 Apr, 2025 11:31 AM

सोने के दामों में बढ़ोतरी से शादियों के सीजन में मध्यवर्गीय परिवार को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
जम्मू डेस्क : सर्राफा बाजार में लगातार सोने के चढ़ते-बढ़ते दाम और उतार-चढ़ाव ने व्यापार को गहरा झटका दिया है। जहां कुछ दिन पहले तक जनता यह क्यास लगा रही थी कि सोना सस्ता होने वाला है, वहीं इसके विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है। सोने के दामों में बढ़ोतरी से शादियों के सीजन में मध्यवर्गीय परिवार को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
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स्वर्णकार संघ जम्मू के अध्यक्ष अजय वर्मा का कहना है कि यदि कीमतें स्थिर हो जाएं, तो ग्राहक फिर से बाजार का रुख कर सकते हैं और सर्राफा कारोबार को संजीवनी मिल सकती है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 के दिसम्बर माह से पहले सोने के भाव पूरे दिन एक समान रहते थे लेकिन जब मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के जरिए खुला व्यापार शुरू हुआ, तब से दामों में रोजाना भारी उतार-चढ़ाव आने लगा है। इससे बाजार में एकाधिकार की स्थिति भी बनी और ग्राहकों का भरोसा डगमगाया है।
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वर्मा का कहना है कि दामों की इस अनिश्चितता ने ग्राहकों की खरीदने की इच्छा को कमजोर कर दिया है। इस समय बाजार में लगभग 90 प्रतिशत तक कमी देखी जा रही है।
स्वर्णकार संघ को विश्वास है कि 30 अप्रैल को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया के अवसर पर बाजार में फिर से रौनक लौट सकती है। अजय वर्मा का मानना है कि यह पर्व परंपरागत रूप से सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ अवसर माना जाता है। यदि तब तक दाम स्थिर हो गए, तो ग्राहक दोबारा आ सकते हैं।
स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष के अनुसार विश्व स्तर पर चल रही आर्थिक अस्थिरता, व्यापार युद्ध, मुद्रा की ताकत और निवेशकों की मानसिकता भी सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियां सामान्य हो जाती हैं, तो भारत में भी सोने के दाम स्थिर हो सकते हैं और बाजार को राहत मिल सकती है।
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