Year Ender 2025: कठुआ वासियों को हमेशा के लिए दर्द दे गईं आतंकी व बादल फटने की घटनाएं

Edited By Kamini, Updated: 29 Dec, 2025 02:17 PM

kathua year ender 2025

वर्ष 2025 अब बीतने जा रहा है, ऐसे में इस वर्ष की प्रमुख घटनाओं पर नजर डाली जाए तो सुफैन में आतंकी और बरसात में बादल फटने की घटनाएं कठुआ वासियों के लिए हमेशा का दर्द दे गई हैं।

कठुआ (राकेश) : वर्ष 2025 अब बीतने जा रहा है, ऐसे में इस वर्ष की प्रमुख घटनाओं पर नजर डाली जाए तो सुफैन में आतंकी और बरसात में बादल फटने की घटनाएं कठुआ वासियों के लिए हमेशा का दर्द दे गई हैं,ये जिला की ऐसी घटनाएं रहीं,जिन्हें प्रभावित लोग तो जीवन पर याद करके दर्द और गम से उबर नहीं पाएंगे। हालांकि आतंकी घटनाएं कठुआ जिला में पिछले 3 दशकों से बीच-बीच घटित होती रही हैं,लेकिन सुफैन जैसी बड़ी आतंकी घटना,जिसमें हमारे 4 पुलिस जवानों ने शहादत पाई,हालांकि 2 आतंकी भी ढेर किए गए, लेकिन इस घटना में लगातार पहले 3 दिन सन्याल और उसके बाद सुफैन में बड़ी मुठभेड़ हुई,जिसने जिलावासियों को झकझोर के रख दिया। ये इतनी बड़ी घटना थी कि मौजूदा मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में पहली बार गृहमंत्री अमित शाह को भी जिला के साथ लगती हीरानगर स्थित भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेने आना पड़ा।

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पहली बार बादल फटने की घटना में 7 जानें चली गईं

इसके अलावा कठुआ जिला के इतिहास में पहली बार हाइवे से सटे कुछ किलोमीटर की दूरी पर कंडी के 3 गांवों में बरसात के दौरान बादल फटने जैसी बड़ी घटना हुई, जोकि इस क्षेत्र में पहली और सबसे बड़ी दुखद घटना रही, अब तक स्थानीय जिलावासी बादल फटने की घटनाएं आसपास के जिलों व राज्यों में सुनते आते थे, लेकिन कठुआ में ऐसी घटना ने जिलावासियों को हिला कर रख दिया। जिसमें 7 लोगों की जानें भी गईं और प्रभावित गांव जोड़, जंगलोट और दिलवां में बादल फटने की घटना के बर्बादी के मंजर अभी भी देखे जा सकते हैं।

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जनसुविधा वाली सरकारी संपत्ति का हुआ बड़ा नुकसान

बरसात के रौद्र रूप से जहां 7 जानें चली गईं, वहीं जनसुविधा वाली सरकारी संपत्ति का भी भारी बारिश और बाढ़ से जो नुकसान हुआ,वो भी लोगों ने इतिहास में पहली बार देखा,जिसमें साढ़े 7 दशक पहले बना जम्मू कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने वाला लखनपुर से माधोपुर के बीच रावी दरिया पर हाइवे का एक पुल का बड़ा हिस्सा बह गया। इसके अलावा लखनपुर से जम्मू तक हाइवे का कालीबड़ी के पास भी एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जहां अभी तक मुरम्मत का कार्य 4 महीने बीतने के बाद पूरा नहीं हुआ है। लखनपुर में 3 मंजिला पर्यटन विभाग का भवन भी धराशायी हो गया।

राष्ट्रीय परियोजनाएं जो इस साल तय लक्ष्य के बाद भी नहीं हो पाई पूरी

अगर जिला में राष्ट्रीय परियोजनाओं के लाभ मिलने की बात की जाए तो जहां कई सालों से जारी शाहपुर कंडी बैराज योजना इस साल भी पूरी नहीं हो पाई, जिससे कठुआ जिला के कंडी क्षेत्र को 1150 क्यूसिक पानी मिलना था, ये योजना पिछले 40 साल से लंबित थी, लेकिन इस वर्ष पूरी उम्मीद थी कठुआ जिला को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। उसके साथ ही कठुआ से जम्मू तक पिछले कई सालों से जारी दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रैस-वे का निर्माण तय लक्ष्य पर हाइवे अथारिटी पूरा नहीं कर पाई, जोकि बीते सितंबर में पूरा किया जाना था। वहीं कई सालों से लखनपुर से जम्मू तक जारी सिक्सलेन परियोजना का निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया है।

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