Edited By Neetu Bala, Updated: 08 Dec, 2025 02:03 PM

पिछले 34 वर्षों से सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर जहांगीर सरूरी भी हताश हो गया है।
कठुआ (राकेश) : पिछले कुछ महीनों से सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों पर लगातार दबाव बढ़ाया हुआ है जिससे आतंकियों को अब कहीं से भी बचने की उम्मीद नहीं दिख रही है। इसी दबाव में फंसा जम्मू-कश्मीर में पिछले 34 वर्षों से सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर जहांगीर सरूरी भी हताश हो गया है।
बौखलाहट में आतंकी सरगना अब चारों तरफ से सुरक्षा बलों के घेरे में आने का खुलासा अपने सहयोगी आतंकी द्वारा किए गए साक्षात्कार में कर रहा है। जहां उसको अब सिर्फ मौत ही दिख रही है, इसलिए अब वह सिर्फ अल्लाह के रहम से ही बचने की उम्मीद पर टिका है। उसकी इस तरह की हताशा और मौत के पैदा हुए डर का सबूत उनके आतंकी संगठन के ही संबंधित सहयोगी ओविस बिलाल द्वारा अपने एक अलग ठिकाने से किए गए साक्षात्कार में दिखा। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी में आतंकी कमांडर के साक्षात्कार की प्रकाशित प्रति भारतीय खुफिया एजैंसियों के हाथ लगी है, जिसमें ओविस बिलाल ने अपने आतंकी संगठन, जिसे उसने जहांगीर को हिजबुल मुजाहिद्दीन का जम्मू-कश्मीर का कमांडर लिखा है और विशेषकर डोडा और किश्तवाड़ सहित जुड़े पहाड़ों में सक्रिय होकर डिवीजनल कमांडर की भूमिका में बताया है।
साक्षात्कार करने वाले उसके सहयोगी ओविस ने प्रकाशित प्रति में उसको पहाड़ों का बेटा नाम लिखा है, जो इसी के नाम से अपने संगठन में प्रसिद्ध है। वह वर्ष 1992 में हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होकर कश्मीर को आजाद कराने के लिए अब तक कई तरह की खून-खराबा करने वाली गतिविधियों को अंजाम देकर भारतीय सुरक्षा बलों से बचता रहा है, हालांकि अब वह पूरी तरह से चारों ओर से सुरक्षा बलों के घेरे में है, फिर भी कभी हार न मानने के लिए दृढ़ दिखाया जा रहा है। साक्षात्कार में उसके सहयोगी ने उसको अपने तौर पर पूछा है कि वह इस समय कहां है और आसपास क्या स्थिति है, जिसमें उसने खुद कबूल किया है कि इस समय वह ऐसे स्थान पर है, जहां उसे दुश्मन (भारतीय सुरक्षा बल) ने उसके पूरे क्षेत्र को घेर लिया है, इस समय हालात बेहद मुश्किल हैं, लेकिन अल्लाह की मदद उसके साथ है, उसने यह भी कहा कि अब बहुत ही कम संसाधनों के बावजूद दृढ़ विश्वास कर रहे हैं, लेकिन इन सब मुश्किल स्थितियों के बावजूद हम अपने संघर्ष के लिए दृढ़ संकल्प हैं। जहांगीर को उसके सहयोगी ने उसके 1992 से लेकर अब तक संघर्ष की जानकारी भी सांझा की है। आतंकी संगठन के कमांडर की अपने सहयोगी को ही दिए साक्षात्कार में अब सुरक्षा बलों की लगातार बढ़ते दबाव से हताशा साफ दिखती है।
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