Edited By Sunita sarangal, Updated: 23 Sep, 2024 10:32 AM
नशीले पदार्थों और आतंकवाद के बीच संबंधों के बारे में पूछे जाने पर जम्मू-कश्मीर डी.जी.पी. ने कहा कि लगभग दो या तीन साल पहले संबंधों के बारे में कोई स्पष्ट सबूत नहीं था।
श्रीनगर(मीर आफताब): पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) आर.आर. स्वैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से सक्रिय है। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में पुलिस टीमों को आतंकवाद और नशीले पदार्थों के बीच स्पष्ट सबूत मिले हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक ग्राम भी ड्रग्स नहीं बनता और पूरी सप्लाई दूसरे राज्यों से होती है।
डी.जी.पी. स्वैन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह कार्यात्मक है और पूरे जम्मू-कश्मीर में पूरे जोरों पर है। कई बार कड़ी मेहनत पर ध्यान नहीं दिया जाता है। मुख्य विधि अधिकारी (सी.एल.ओ.) द्वारा तैयार किए गए आंकड़े बताते हैं कि 2024 में 1 जनवरी से 15 जुलाई तक 307 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 150 को दोषी ठहराया गया और 157 को बरी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जहां तक बरी होने की बात है, पुलिस उच्चतर रूपों में मामलों का अनुसरण कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वे मामले को खत्म होने दे रहे हैं। वे उच्च मंचों पर भी इसका पालन करते हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन के लिए उन्हें नकद पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण पत्र देने की घोषणा करती है। वे उन पुलिसकर्मियों को भी नकद पुरस्कार देते हैं जो 10 साल पहले अपनी सेवा से रिटायर हुए हैं। डी.जी.पी. ने कहा कि वे संबंधित अदालतों के समक्ष गवाह के रूप में पेश होते हैं।
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नशीले पदार्थों और आतंकवाद के बीच संबंधों के बारे में पूछे जाने पर डी.जी.पी. ने कहा कि लगभग दो या तीन साल पहले संबंधों के बारे में कोई स्पष्ट सबूत नहीं था। अब यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि आतंकवाद और नशीले पदार्थ सीधे जुड़े हुए हैं। जांच से उन्हें कुछ स्पष्ट सबूत मिले हैं। उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में एक ग्राम भी ड्रग्स का उत्पादन नहीं होता है, तो हेरोइन आदि की आपूर्ति पूरे रास्ते से होती है और जम्मू-कश्मीर में इसका सेवन किया जाता है और साथ ही पंजाब जैसे अन्य राज्यों में वितरित किया जाता है। एक मामले में उन्होंने जम्मू-कश्मीर से कुपवाड़ा से पंजाब तक नशीले पदार्थों के लिंक का पता लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए.), एस.आई.ए., एन.सी.बी. और एन.टी.एफ. द्वारा जांचे जा रहे दर्जनों मामलों से पता चलता है कि आतंकवाद और नशीले पदार्थों के बीच सीधा संबंध है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस ने कुछ ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जहां नार्को-व्यापार अपने चरम पर है, उन्होंने कहा कि पुलिस ने हॉट स्पॉट की पहचान की है और जम्मू का सांबा जिला उनमें से एक है। डी.जी.पी. ने कहा कि दर्जनों मामलों में पुलिस ने पाया कि जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन से गिराए गए नशीले पदार्थों को हथियारों के साथ जोड़ा गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थों की बढ़ती घुसपैठ एक चुनौती है, डी.जी.पी. ने कहा कि हां यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चुनौती है।
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