माता वैष्णो देवी यात्रियों में भारी गिरावट, रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Edited By Kamini, Updated: 30 Dec, 2025 01:00 PM

decline in mata vaishno devi pilgrimage

सुरक्षा संबंधी सिलसिलेवार घटनाओं और लंबे समय तक खराब मौसम के कारण वार्षिक तीर्थयात्रा पर पड़े प्रभाव का एक महत्वपूर्ण संकेत है।

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 2025 में 70 लाख से नीचे चली गई, जो सुरक्षा संबंधी सिलसिलेवार घटनाओं और लंबे समय तक खराब मौसम के कारण वार्षिक तीर्थयात्रा पर पड़े प्रभाव का एक महत्वपूर्ण संकेत है।

अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष 28 दिसंबर तक कुल 68.85 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए और नववर्ष के मद्देनजर तीर्थयात्रियों की भारी आमद को देखते हुए 2025 के शेष दिनों में लगभग 70,000 अन्य तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में 27.4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, जो इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन पर सुरक्षा चिंताओं और प्राकृतिक आपदाओं के संचयी प्रभाव को रेखांकित करती है।

वर्ष 2024 में वार्षिक तीर्थयात्रियों की संख्या 94.84 लाख का आंकड़ा पार कर गई थी। इस साल अप्रैल में हुआ पहलगाम आतंकी हमला भी श्रद्धालुओं की कमी का एक प्रमुख कारण है। हमले में 26 लोग मारे गए थे और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। वहीं, 26 अगस्त को कटड़ा के पास यात्रा मार्ग पर लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में 35 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और एक महत्वपूर्ण मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण अधिकारियों को अगस्त-सितंबर में 3 सप्ताह के लिए तीर्थयात्रा रोकनी पड़ी।

अधिकारियों ने बताया कि पारंपरिक रूप से जिस समय तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक रहती है, उसमें मार्ग के लंबे समय तक बंद रहने से पूरे साल के तीर्थयात्रियों की कुल संख्या पर सीधा प्रभाव पड़ा। श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, “तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मौसम और मार्ग की स्थिति के वास्तविक आकलन के आधार पर यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया था।” उन्होंने बताया कि चुनौतियों के बावजूद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मार्ग रखरखाव, आपदा तैयारी उपायों और बेहतर निगरानी सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन का कार्य जारी रखा है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक तीर्थयात्री अप्रैल में आए थे और उस समय 9,81,228 लोगों ने दर्शन किए थे, जबकि सबसे कम, 1,85,165 श्रद्धालुओं ने सितंबर में दर्शन किए। सितंबर में जम्मू क्षेत्र में रिकॉर्ड बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति थी। मार्च में तीर्थयात्रियों की संख्या 9,40,143 थी, इसके बाद जून (9,26,263), जुलाई (6,77,652), जनवरी (5,69,164), अगस्त (5,33,756), नवंबर (4,23,553), मई (4,13,365), अक्टूबर (3,84,952) और फरवरी (3,78,865) में श्रद्धालु पहुंचे । दिसंबर में अब तक 4,71,396 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।

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