Edited By Neetu Bala, Updated: 11 Aug, 2025 05:13 PM

CM नें उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जम्मू/श्रीनगर : जम्मू व श्रीनगर में खराब मीट, चिकन, पनीर और अन्य खराब खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार अब कड़ी कार्रवाई करेगी। सोमवार को मुख्यमंत्री ने असुरक्षित भोजन का भंडारण या बिक्री करने वाले दोषियों को कड़ी सजा देने व दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एक बैठक में इन मामलों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वाले अपराधियों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मुकद्दमा चलाया जाना चाहिए। उन्होंने सबसे गंभीर उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह गंभीर समस्या बहुत लंबे समय से अनियंत्रित और अनदेखी रही है। बेईमान तत्वों ने लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ किया है। इसे रोकना होगा और जो लोग जानबूझकर जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें कानून का सामना करना होगा।
खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभागों और अस्वास्थ्यकर मांस और अन्य खाद्य पदार्थों के आयात, बिक्री और उपयोग को रोकने के लिए तंत्र का ऑडिट किया जाएगा। गुणवत्ता नियंत्रण को कड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने वाले मटन, चिकन और अन्य जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं की जांच के लिए लखनपुर और काजीगुंड में प्रवेश-बिंदु जांच चौकियां और परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का आदेश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी सुविधाओं को जम्मू और श्रीनगर तक सीमित रखने की बजाय, प्रत्येक जिला मुख्यालय पर खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएं, जिससे सरकार की प्रवर्तन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उचित मंजूरी के बिना किसी भी मांस की बिक्री और उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि संगठन को और मजबूत किया जाएगा ताकि उल्लंघनों पर कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
निरीक्षण अभियान चलाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में सघन निरीक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए, जिसमें उपायुक्त स्वयं बाजारों का औचक निरीक्षण करेंगे ताकि निर्धारित स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इन कार्यों में सहायता के लिए सभी मोबाइल खाद्य-परीक्षण वैन तुरंत तैनात की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से कानून अपने हाथ में लेने की बजाय संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने का आग्रह किया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को औचक छापेमारी के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम करने और सुरक्षा नियमों का पालन करने वाले व्यापारियों को परेशान करने से बचने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने सभी खाद्य वितरकों, व्यापारियों और विक्रेताओं का पंजीकरण करने और उन्हें औपचारिक लाइसैंसिंग ढांचे के अंतर्गत लाने का भी आदेश दिया। विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि मांस की आपूर्ति सुरक्षित स्रोतों से हो। मुख्यमंत्री ने हानिकारक रसायनों, अनधिकृत सिंथैटिक योजकों और रंग पदार्थों के उपयोग को गंभीरता से लिया और इनसे स्वास्थ्य संबंधी संभावित खतरों पर जोर दिया।
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