Edited By Neetu Bala, Updated: 03 Jul, 2025 01:45 PM

भारतीय जनता पार्टी के 14 विधायकों पर आधारित उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को श्रीनगर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मिला।
जम्मू : भारतीय जनता पार्टी के 14 विधायकों पर आधारित उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को श्रीनगर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात कर उर्दू विषय नायब तहसीलदार के पदों के लिए उर्दू को अनिवार्य बनाने सहित कुछ प्रशासनिक फैसलों पर गहरी आपत्ति जताई।
विधायकों में शाम लाल शर्मा, नरेंद्र सिंह, युद्धवीर सेठी, शक्ति परिहार, डी.के. मनेयाल, चंद्र प्रकाश गंगा, बलवंत मनकोटिया, पवन गुप्ता, विक्रम रंधावा, गारू राम, बलदेव शर्मा, सतीश शर्मा, सुनील भारद्वाज और सुरेंद्र भगत शामिल रहे। विधायकों ने कहा कि नायब तहसीलदार पद के लिए उर्दू को अनिवार्य योग्यता के रूप में शामिल किए जाने से जम्मू संभाग में आम जनता में व्यापक असंतोष है। उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में आधिकारिक भाषा अधिनियम 2020 के तहत हिंदी, डोगरी, अंग्रेजी, उर्दू और कश्मीरी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जा चुका है तो केवल उर्दू को अनिवार्य बनाना न्यायोचित नहीं है।
ये भी पढ़ेंः J&K: देश की इस बेटी ने हिमालय की चोटी पर फहराया तिरंगा, रचा नया इतिहास
भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से विवादास्पद विज्ञापन को तत्काल वापस लेने और 2011 के माडल की तर्ज पर पुन: विज्ञापन जारी करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा विधायकों ने नई बस्ती क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर विस्तार परियोजना के कारण विस्थापित किए जा रहे दुकानदारों की स्थिति को भी उठाया। उन्होंने प्रभावित दुकानदारों के शीघ्र पुनर्वास की मांग की। विधायकों ने स्पोर्ट्समैन कोटा के तहत लंबे समय से लंबित चयन सूची को शीघ्र जारी करने की मांग भी की।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here