Edited By Sunita sarangal, Updated: 20 Sep, 2024 11:06 AM
बता दें कि इस विधानसभा सीट पर 3 बार नेशनल कॉन्फ्रेंस, 7 बार कांग्रेस और 2014 में भाजपा विजयी रही।
जम्मू: जिला राजौरी की नौशहरा विधानसभा सीट इस बार फिर सुर्खियों में है जहां पर भाजपा के पूर्व प्रधान एवं पूर्व विधायक रविन्द्र रैना का नेशनल कांफ्रेंस के सुरेन्द्र चौधरी से 10 साल बाद फिर चुनावी दंगल है। इस बार भी दोनों के बीच कांटे का मुकाबला होने वाला है। कुछ दिन भाजपा में रहकर नेकां में शामिल हुए सुरेन्द्र चौधरी आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।
सुंदरबनी क्षेत्र को कालाकोट के साथ जोड़ दिए जाने से यहां पर मतदाताओं की संख्या लगभग 7,000 कम हो गई है और मौजूदा समय में 85,268 मतदाता हैं जबकि वर्ष 2014 में 92,719 मतदाता थे और रविन्द्र रैना को 37,374 वोट मिले थे। सुरेन्द्र चौधरी को 27,871 वोट मिले थे। हालांकि कांग्रेस के रविन्द्र शर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे। जीत हासिल करने के लिए नेकां के उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी दिन-रात एक किए हुए हैं जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना दूसरी बार चुनाव जीतने के लिए पूरी तरह से मैदान में जुटे हुए हैं। नौशहरा में सबसे प्रमुख मंगला माता का मंदिर है जो बिल्कुल एल.ओ.सी. पर स्थित है।
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साल 2014 के चुनाव में भाजपा की तरफ से रविंद्र रैना और सुरेंद्र चौधरी पी.डी.पी. की ओर से उम्मीदवार थे। सुरेंद्र चौधरी ने साल 2022 में पी.डी.पी. छोड़ी और उसके बाद भाजपा में शामिल हुए, लेकिन वहां पर भी अधिक दिनों तक नहीं टिके और साल 2023 में नेकां में शामिल हो गए। अब नेकां ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाकर नौशहरा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। 2014 की तरह ही इस बार भी दोनों ही उम्मीदवारों के बीच अभी तक कांटे की टक्कर चल रही है।
भाजपा के उम्मीदवार रविंद्र रैना, जो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, दूसरी बार इस सीट को जीतने के लिए मैदान में डटे हुए हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि जनता पिछली बार की तरह प्यार देगी और इस सीट पर भाजपा की जीत होगी। वहीं नेकां के उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी भी दिन-रात प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरह से इस सीट को जीत कर इतिहास रचा जाए और 2014 की हार का बदला लिया जा सके। सुरेंद्र चौधरी विधानसभा के हर क्षेत्र व हर घर में जाकर वोट मांग रहे हैं। इसी तरह भाजपा के नेता व कार्यकर्ता भी दिन-रात प्रचार में जुटे हुए हैं।
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2014 के चुनाव में 2 दिन पहले दोनों उम्मीदवारों के बीच एक झड़प हुई थी जिसके बाद रविंद्र रैना को गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें मेडिकल कॉलेज जम्मू में भर्ती करवाया गया था। इस घटना ने उस समय चुनावी माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया था। रविन्द्र रैना प्रदेश अध्यक्ष बन गए और पार्टी गतिविधियों में सक्रिय हो गए। सुरेन्द्र चौधरी ने जमीनी स्तर पर नौशहरा में अपना संपर्क बनाए रखा। हालांकि रविन्द्र रैना भी मौका मिलने पर अपने विधानसभा क्षेत्र में दौरा करते रहे हैं। अब एक बार फिर से 2024 के चुनाव में दोनों उम्मीदवारों के बीच मुकाबला उतना ही कड़ा नजर आ रहा है। जनता इस बार किसे चुनती है, इसका फैसला 8 अक्तूबर को होने वाली मतगणना के बाद सामने आएगा।
बता दें कि इस विधानसभा सीट पर 3 बार नेशनल कॉन्फ्रेंस, 7 बार कांग्रेस और 2014 में भाजपा विजयी रही। भाजपा उम्मीदवार रविन्द्र रैना पार्टी के कामकाज को लेकर चुनावी मैदान में हैं जबकि सुरिन्द्र चौधरी अनदेखी का मुद्दा उठाए हुए हैं। दूसरे चरण में होने वाले मतदान में 85,268 मतदाता दोनों का भविष्य तय करेंगे जिसमें 3,432 युवा मतदाता भी हैं। नौशहरा में लाम सैक्टर और कलाल सैक्टर पर एल.ओ.सी. हमेशा एक्टिव रहती है। संवेदनशील इलाका होने के बावजूद लोगों ने पिछले चुनावों में 81.20 प्रतिशत मतदान किया था। इस बार कांग्रेस भी मैदान में नहीं है और सिर्फ 5 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जबकि 2014 के चुनावों में 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। कम उम्मीदवारों के चलते वोट बंटने की उम्मीद कम है और इसलिए दोनों के बीच कांटे की टक्कर होगी।
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