J&K के इन इलाकों में है विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी, IGP ने किया खुलासा

Edited By Neetu Bala, Updated: 22 Oct, 2025 12:37 PM

foreign terrorists are present in these areas of j k igp reveals

आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजैंसियां ​​उनसे दो कदम आगे हैं।

जम्मू :  जम्मू संभाग में हर दिन 100 से अधिक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए जाने का दावा करते हुए एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि घने जंगलों में विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है और उन्हें मार गिराने के प्रयास जारी हैं। जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) भीमसेन टूटी ने कहा कि आतंकवादी और अपराधी सुरक्षा तंत्र को तोड़ने के प्रयास में ड्रोन जैसी नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजैंसियां ​​उनसे दो कदम आगे हैं।

टूटी ने देश की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर कर्मियों को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर जम्मू रेलवे स्टेशन के पास पुलिस शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया कर्मियों को संबोधित किया। यह दिवस केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के उन 10 बहादुर शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने 21 अक्तूबर, 1959 को अपना कर्त्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने 4681 मीटर की ऊंचाई पर लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में भारी हथियारों से लैस चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

जम्मू पुलिस प्रमुख ने कहा, “पिछले 2 साल से विदेशी आतंकवादी (जम्मू में) एक बड़ी चुनौती रहे हैं लेकिन हम अपने आतंकवाद-रोधी अभियान और सीमा सुरक्षा तंत्र को मजबूत कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि जल्द हम जंगलों में छिपे विदेशी आतंकवादियों से निपटने और उन्हें मार गिराने में सक्षम होंगे।”

उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र में हर दिन लगभग 120 आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए जाते हैं। उन्होंने कहा, “यह हमारा दैनिक कर्त्तव्य है, चाहे वह कोई अभ्यास हो या सटीक सूचना-आधारित अभियान, यह निरंतर जारी रहता है।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ना उनके कर्त्तव्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

टूटी ने कहा, “जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ते हुए जितने लोग शहीद हुए हैं वह हमारे कर्त्तव्य का एक हिस्सा मात्र है। इसके अलावा हम अन्य कर्त्तव्य भी निभाते हैं। उदाहरण के लिए हमें उन साथियों को नहीं भूलना चाहिए जो यातायात ड्यूटी करते हुए कुचले जाने के कारण या अपराधियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं। आतंकवाद से लड़ना एक प्रमुख कर्त्तव्य है लेकिन इसके कई व्यापक पहलू हैं। हम अपने सभी शहीद बहादुर साथियों को सलाम करते हैं।”

देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए आई.जी.पी. ने कहा कि पुलिस बल उनके परिवारों के प्रति सदैव कृतज्ञ है। आई.जी.पी. ने कहा, “रणनीति और तरकीबों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती लेकिन मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने कर्त्तव्य और जिम्मेदारी से अवगत है तथा लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।”

पुलिस अधिकारी ने कहा, “आतंकवादी और अपराधी सुरक्षा तंत्र को तोड़ने के लिए अपनी रणनीति बदल रहे हैं लेकिन हम जवाबी कदम उठा रहे हैं और हमारा प्रयास उनसे दो कदम आगे रहने का है।” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पुलिस व्यवस्था में बदलाव आया है और उनका ध्यान कुशल एवं प्रभावी पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम लागत पर ‘डाटा-आधारित और साक्ष्य-आधारित' पुलिस प्रणाली विकसित करना है। उन्होंने कहा, “हमारा काम आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना है और हम अपने कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं। हम पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से आतंकवाद से लड़ रहे हैं और जब तक इसका पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता हम इस खतरे से लड़ते रहेंगे।” पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस दौरान जम्मू क्षेत्र की विभिन्न शाखाओं, बटालियनों और जिला इकाइयों के कुल 125 कर्मियों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया।

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