Edited By Neetu Bala, Updated: 13 Oct, 2024 06:15 PM
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हमारे भाई-बहन जो यहां से चले गए हैं वे घर वापस आ जाएं।
जम्मू/श्रीनगर: नैशनल कांफ्रैंस (नैकां) प्रधान एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से ठीक पहले दशहरे के अवसर पर एकता का संदेश देते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों समेत घाटी से चले गए सभी लोगों के लिए अपने घरों में वापस लौटने का समय आ गया है। बुराई पर अच्छाई की जीत के त्यौहार पर श्रीनगर में आयोजित मुख्य समारोह में भाग लेने के उपरांत उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हमारे भाई-बहन जो यहां से चले गए हैं वे घर वापस आ जाएं।
नैकां प्रधान का कहना था कि अब समय आ गया है जब उन्हें अपने घरों को लौट आना चाहिए। उनका कहना था कि वह केवल कश्मीरी पंडितों के बारे में नहीं सोचते बल्कि वह जम्मू के लोगों के बारे में भी सोचते हैं जिनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए तथा उन्हें भी यह महसूस होना चाहिए कि नैकां सरकार उनकी दुश्मन नहीं है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भारतीय हैं और हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि 1990 के दशक में क्षेत्र में बढ़ते आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों को घाटी से निकलने पर मजबूर होना पड़ा था जो कश्मीर में अपने घर एवं अन्य संपत्तियां छोड़कर जम्मू सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर बस गए।
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वहीं जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी मांग दोहराते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा किया जाना जरूरी है ताकि राज्य काम कर सके। उनका कहना था कि यहां सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है तथा हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर को एकजुट करना और नफरत को खत्म करना होगा।
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