Edited By Sunita sarangal, Updated: 13 Aug, 2024 04:45 PM
स्थानीय निवासी अब्दुल रशीद ने कहा कि यह बहुत महंगी दवा है।
बांदीपुरा(मीर आफताब): बांदीपुरा-सोपोर मार्ग पर मिडिल स्कूल बदयारा के पास लाइनजोलिड और पैरासिटामोल इन्फ्यूजन समेत अन्य महंगी दवाओं को जलाकर नष्ट कर दिया गया। स्थानीय निवासियों ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से पैरासिटामोल की गोली तक नहीं मिल पा रही है और अधिकारी स्थानीय लोगों को देने के बजाय इसे बड़ी मात्रा में फेंक रहे हैं।
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स्थानीय निवासी अब्दुल रशीद ने कहा कि यह बहुत महंगी दवा है। अगर इसे निजी मेडिकल स्टोर से खरीदें तो इसकी कीमत 600 रुपये होगी। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि अगर संबंधित अधिकारियों के पास यह दवा नहीं थी तो यह कहां से आई? एक अन्य स्थानीय निवासी अब्दुल रहमान ने इसके लिए चिकित्सा अधिकारियों पर आरोप लगाया और कहा कि तड़के ही उनके गांव में कई जगहों पर दवाइयां फेंकी गईं और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। अगर इसकी एक्सपायरी डेट हो चुकी थी तो मेडिकल कचरे को नष्ट करने का एक उचित तरीका है, वे इसे स्कूल के सामने कैसे जला सकते हैं? उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि इससे स्कूल जाने वाले बच्चों में गंभीर बीमारी हो सकती है। स्थानीय लोगों ने एल.जी. सिन्हा और जिला प्रशासन बांदीपोरा से मामले की जांच करने और इस काम में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की।
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इस बीच बांदीपोरा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. ताहिर मलिक ने दवाओं की जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा कि यह उच्च संस्थानों की आपूर्ति है। उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि बांदीपोरा स्वास्थ्य विभाग के पास दवाएं उपलब्ध हैं या नहीं। बांदीपोरा जिला अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि आपूर्ति जिले के विभिन्न मेडिकल ब्लॉकों को दी जाती है और जिला अस्पताल बांदीपोरा में उपलब्ध नहीं है। कश्मीर स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. मुश्ताक अहमद से संपर्क करने के कई बार प्रयास किए गए, लेकिन वे असफल रहे क्योंकि उन्होंने रिपोर्टर के कई संदेशों और कॉल का जवाब नहीं दिया।