Edited By Neetu Bala, Updated: 14 Jul, 2025 01:11 PM

उन्होंने बताया कि उनका रास्ता रोकने के लिए नवहट्टा चौक पर सीआरपीएफ का एक बंकर और पुलिस की गाड़ी खड़ी कर दी गई थी।
श्रीनगर ( मीर आफताब ) : प्रतिबंधों के कारण श्रीनगर स्थित मजार-ए-शुहादा पर राजनीतिक नेताओं के जाने पर रोक लगने के एक दिन बाद, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री, सलाहकार नासिर असलम वानी, प्रवक्ता तनवीर सादिक, अंतरिम अध्यक्ष शौकत मीर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने 13 जुलाई, 1931 के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और प्रार्थना करने के लिए मजार-ए-शुहादा स्थल का दौरा किया। इस दौरान पुलिस मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ धक्का-मुक्की करती देखी गई साथ ही उन्होंने अपने लक्ष्य की तरफ जाने के लिए दीवार फांदनी पड़ी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन ने राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और उन्हें और उनकी पार्टी के सहयोगियों को रविवार को फातिहा पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा, "उनके स्पष्ट निर्देशों के अनुसार, हमें यहां आकर फातिहा पढ़ने की अनुमति नहीं थी। सभी को सुबह-सुबह अपने घरों में ही रखा गया था।"
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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब धीरे-धीरे आवाजाही की अनुमति दी गई, तो उन्होंने नियंत्रण कक्ष से संपर्क किया और वहां जाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "कुछ ही मिनटों में मेरे गेट के बाहर एक बंकर खड़ा कर दिया गया और उसे आधी रात तक नहीं हटाया गया।"
उन्होंने सोमवार को बताया कि उन्होंने मजार जाने से पहले अधिकारियों को सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा, "उन्हें बताए बिना मैं कार में बैठ गया और उन्होंने आज भी हमें रोकने की कोशिश की।" उन्होंने आगे बताया कि उनका रास्ता रोकने के लिए नवहट्टा चौक पर सीआरपीएफ का एक बंकर और पुलिस की गाड़ी खड़ी कर दी गई थी।
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