Pakistan की नई चाल, आतंकियों को ये Special Training दे बना रहा हमलों की योजना

Edited By Neetu Bala, Updated: 05 Dec, 2024 04:53 PM

pakistan giving this special training to terrorists and planning attacks

जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयब्बा जैसे आतंकवादी संगठनों के आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की कमांडो फोर्स, एसएसजी (Special Services Group) के पूर्व अफसरों द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है।

जम्मू डेस्क : अक्टूबर में बारामूला पुलिस को एक अजीब वारदात का पता चला, जब आतंकवादियों ने एक दूरदराज के गांव में स्थित दुकान का दरवाजा तोड़ा और सामान चुराया। चोरों ने सामान की कीमत से अधिक रुपए एक डिब्बे में छोड़ दिए। यह घटना इस इलाके में आतंकवादियों की नई रणनीति को दर्शाती है, जहां न तो स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती की जा रही है और न ही स्थानीय मददगारों को रखा जा रहा है। इसके बजाय, आतंकवादी खुद ही अपनी व्यवस्थाओं को प्रबंधित कर रहे हैं। उनका प्रशिक्षण, हथियार, और संचार उपकरण उन्नत हैं, जो यह संकेत देते हैं कि उनकी तैयारी और संचालन की गुणवत्ता पहले से कहीं बेहतर है।

इसके अतिरिक्त, किश्तवाड़ में हुए एक एनकाउंटर की स्थिति भी यह दर्शाती है कि आतंकवादी अब ज्यादा सतर्क हैं। रात भर में आतंकवादियों ने सिर्फ 6 फायर किए और फिर भाग गए, जो उनकी छिपने और बचने की रणनीति को दर्शाता है।

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जम्मू-कश्मीर में विभिन्न एजेंसियों के इनपुट के अनुसार, अब 125 से ज्यादा विदेशी आतंकवादी राज्य में सक्रिय हैं। सेना ने 25 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच आतंकवादियों के खिलाफ 10 से अधिक ऑपरेशन किए हैं, जिसमें सात आतंकवादी मारे गए हैं।

इस सब का संकेत यह है कि पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की रणनीतियां बदल चुकी हैं। घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की संख्या इस बार अपेक्षाकृत कम है, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली ज्यादा सटीक और प्रभावी प्रतीत होती है।

क्या होती है गोरिल्ला ट्रेनिंग

 यह जानकारी पाकिस्तान और कश्मीर क्षेत्र में आतंकवाद और सैन्य गतिविधियों के संदर्भ में दी गई है। इसमें बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयब्बा जैसे आतंकवादी संगठनों के आतंकियों को पाकिस्तानी सेना की कमांडो फोर्स, एसएसजी (Special Services Group) के पूर्व अफसरों द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। इन आतंकियों को कमांडो जैसी ट्रेनिंग, गुरिल्ला युद्ध की तकनीकों और फाइटिंग की विधियों का प्रशिक्षण मिलता है, जिनका उद्देश्य खासतौर पर भारतीय सेना के खिलाफ असामान्य और अप्रत्याशित हमले करना होता है।

कई आतंकवादी अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध में भाग ले चुके हैं, जिससे उनकी युद्ध कौशल में सुधार हुआ है। इस प्रकार की ट्रेनिंग से, आतंकवादी अपनी छिपने और हमले करने की क्षमता में सुधार करते हैं।

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इन आतंकियों की गतिविधियों से भारतीय सेना पर घातक हमले किए जा रहे हैं, जैसे कि गुलमर्ग, डेरा की गली, और थानामंडी जैसे क्षेत्रों में सैन्य वाहनों को निशाना बनाना। इसका उद्देश्य भारतीय सेना को कमजोर करना और घातक हमलों के माध्यम से उन्हें रणनीतिक नुकसान पहुंचाना है।

इस प्रकार की घुसपैठ और हमलों के पीछे आतंकियों का उद्देश्य न केवल सैन्य बलों को निशाना बनाना है, बल्कि एक मानसिक दबाव भी बनाना है, जिससे सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर असर पड़े। 

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