Edited By VANSH Sharma, Updated: 24 Jul, 2025 06:38 PM

जम्मू-कश्मीर में अब कई महिलाएं मां बनने के लिए आईवीएफ (In Vitro Fertilization) तकनीक का सहारा ले रही हैं।
जम्मू डेस्क: जम्मू-कश्मीर में अब कई महिलाएं मां बनने के लिए आईवीएफ (In Vitro Fertilization) तकनीक का सहारा ले रही हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है और फिर उसे महिला के गर्भ में डाला जाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, आजकल महिलाओं को गर्भधारण (प्रेग्नेंसी) में कई वजहों से परेशानी हो रही है। इसके मुख्य कारण हैं – बदलती जीवनशैली, तनाव, देर से शादी, नशे की आदतें, और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं।
डॉक्टरों का कहना है कि पहले महिलाएं 25 से 30 साल की उम्र में मां बन जाती थीं, लेकिन अब ज़्यादातर महिलाएं 35 साल के बाद गर्भधारण की कोशिश करती हैं, जिससे दिक्कतें बढ़ जाती हैं। साथ ही, पुरुषों में भी शुक्राणुओं की गुणवत्ता (क्वालिटी) कम होती जा रही है।
IVF केंद्रों में बढ़ रही भीड़
जम्मू और श्रीनगर जैसे शहरों में अब कई आईवीएफ क्लीनिक खुल गए हैं। हर महीने यहां बड़ी संख्या में जोड़े इलाज और सलाह के लिए पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि सही समय पर जांच और सलाह लेना इलाज को सफल बनाता है।
विशेषज्ञों की राय क्या है?
आईवीएफ डॉक्टरों का कहना है कि जिन महिलाओं को लंबे समय से गर्भधारण नहीं हो रहा है, उनके लिए IVF एक नई उम्मीद है। लेकिन ज़रूरी है कि लोग समय पर डॉक्टर से मिलें और अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाएं।
अब जम्मू-कश्मीर में IVF को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। पहले जैसी झिझक अब नहीं रही। समय पर सही कदम उठाकर निःसंतान दंपति भी माता-पिता बनने का सुख पा सकते हैं।
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