Edited By Neetu Bala, Updated: 25 Jul, 2025 02:48 PM

देश और दुनिया में मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
जम्मू डेस्क : देश और दुनिया में मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को कई तरह की दवाइयां खानी पड़ती हैं, जिससे उनकी दवाओं पर ही निर्भर रह जाती है। अब प्रशन यह है कि क्या योग से मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है तो इसका जवाब है हां। योग का निरंतर अभ्यास टाइप-2 मधुमेह के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों में इसके खतरे को 40% तक कम कर सकता है। इस आशय का दावा करने वाली अध्ययन रिपोर्ट केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जो स्वयं एक प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ हैं, ने वीरवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को सौंपी।
यह रिपोर्ट, साक्ष्य-आधारित दस्तावेजीकरण द्वारा समर्थित, रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया द्वारा इसके पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस.वी. मधु के नेतृत्व में तैयार की गई है, जो वर्तमान में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मैडीकल साइंसेज, दिल्ली में एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं। इसका उद्देश्य टाइप-2 मधुमेह के प्रबंधन की बजाय, इसकी रोकथाम में योग की भूमिका का पता लगाना है।
योग के कुछ असरदार आसन:
कपालभाति प्राणायाम – पेट और अग्न्याशय (पैंक्रियास) को सक्रिय करता है
मंडूकासन (मेंढक आसन) – डायबिटीज रोगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी
वज्रासन – भोजन के बाद पाचन सुधारने में सहायक
अर्ध मत्स्येन्द्रासन – लीवर और पैंक्रियास की कार्यक्षमता बढ़ाता है
एक हालिया अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योग करते हैं, उनके शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता बेहतर होती है और ब्लड शुगर लेवल संतुलन में रहता है।
विशेषज्ञों की सलाह:
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि योग के साथ-साथ संतुलित आहार, नियमित नींद, और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाना भी जरूरी है। साथ ही मधुमेह के मरीजों को योग शुरू करने से पहले डॉक्टर या प्रशिक्षित योग शिक्षक से परामर्श लेना चाहिए ।
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