Edited By Neetu Bala, Updated: 31 Jul, 2024 07:13 PM
तीव्र गर्मी के कारण उनके तेजी से पिघलने से क्षेत्र की जलापूर्ति को बड़ा खतरा है।
जम्मू/श्रीनगर : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आई.एम.डी.) लद्दाख के निदेशक सोनम लोटस ने कहा है कि लद्दाख में तापमान में भारी वृद्धि चिंता का विषय है। गौरतलब है कि 30 जुलाई को लेह में अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। लद्दाख आई.एम.डी. निदेशक ने कहा कि जुलाई-अगस्त के सबसे गर्म महीनों में उच्च तापमान सामान्य है, लेकिन विशेष रूप से लद्दाख में तापमान में भारी वृद्धि वास्तव में चिंता का विषय है क्योंकि ग्लेशियर इस क्षेत्र के प्रमुख जल स्रोत हैं और तीव्र गर्मी के कारण उनके तेजी से पिघलने से क्षेत्र की जलापूर्ति को बड़ा खतरा है।
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उनका कहना था कि लद्दाख एक ठंडा रेगिस्तानी इलाका है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहां हमेशा ठंड रहती है। यहां दिसंबर-जनवरी में सर्दियों के दौरान भारी सर्दी होती है जब लेह में तापमान -20 या -25 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त लद्दाख के लिए साल का सबसे गर्म महीना होता है। कारगिल में लेह से 2-3 डिग्री अधिक तापमान रहता है। इस बार लेह में सबसे अधिक 33.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं 28 जुलाई को कारगिल में सबसे अधिक 37.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त में हमेशा गर्मी रहती है, खासकर जुलाई के दूसरे सप्ताह से लेकर अगस्त के मध्य तक के लगभग 45 दिन। सोनम लोटस ने कहा कि तापमान में तेजी से जारी वृद्धि लद्दाख के लिए वास्तव में चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ग्लेशियर हमारे बहुत मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं जिनसे हमें पानी मिलता है, इसलिए यदि तापमान इस तरह बढ़ता रहा तो तीव्र गर्मी बर्फ के पिंडों को तेजी से पिघला देगी।
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लद्दाख आई.एम.डी. निदेशक ने पर्यटकों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी करते हुए आने वाले दिनों में संभावित बाढ़ की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी गर्मी के कारण भी बारिश होती है, मानसून अब सक्रिय हो रहा है तथा कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई है। उनका कहना था कि वह पर्यटकों को बताना चाहेंगे कि अगले सप्ताह बारिश होने वाली है जो कुछ क्षेत्रों में अचानक बाढ़ का रूप ले सकती है इसलिए लोगों को इन कुछ दिनों में सतर्क रहना होगा।
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