Edited By Neetu Bala, Updated: 18 Jul, 2025 03:15 PM

उन्होंने कार्यकर्ता के रूप में आपातकाल के दौरान लगभग 13 महीने जेल में बिताए थे।
जम्मू/श्रीनगर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संवैधानिक पद पर नियुक्त किए जाने के चार दिन बाद वरिष्ठ भाजपा नेता एवं तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के विधानसभा अध्यक्ष रहे कविंदर गुप्ता ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नए उपराज्यपाल (एल.जी.) के रूप में शपथ ली। लेह स्थित लद्दाख राज निवास में आयोजित एक समारोह में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण पल्ली ने कविंद्र गुप्ता को पद की शपथ दिलाई तथा मुख्य सचिव पवन कोतवाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा गुप्ता की नियुक्ति का वारंट पढ़ा। शपथ ग्रहण के उपरांत पत्रकारों के साथ बात करते हुए गुप्ता ने कहा, ‘हम लद्दाख के विकास के लिए एकजुट होकर काम करेंगे, लद्दाख के साथ बहुत भेदभाव हुआ है। हम लद्दाख को उस मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं जहां इसे दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थानों में गिना जाएगा।’
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उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी एवं पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने यह सब संभव बनाया और जीवन भर मेरा साथ दिया। राष्ट्रीय नेतृत्व को मुझसे बहुत उम्मीदें हैं और मैं उन उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।’ वीरवार को लेह पहंचने पर कविंद्र गुप्ता का भव्य स्वागत किया गया। लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोतवाल, पुलिस महानिदेशक डा. एस.डी. सिंह जमवाल, वरिष्ठ नागरिक प्रशासन के अधिकारियों एवं गण्यमान्य नागरिकों ने उनका स्वागत किया। कविंद्र गुप्ता लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के तीसरे उपराज्यपाल हैं तथा वह ब्रिगेडियर बी. डी. मिश्रा का स्थान लेंगे, जिन्होंने 19 फरवरी 2024 को केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल का पदभार संभाला था। मिश्रा ने नौकरशाह आर. के. माथुर का स्थान लिया था, जिन्हें 2019 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।
राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू ने सोमवार को गुप्ता को लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया था। गुप्ता की नियुक्ति अगले सप्ताह गृह मंत्रालय और लद्दाख के नेताओं के बीच होने वाली संभावित अगले दौर की वार्ता से पहले हुई है। उल्लेखनीय है कि लद्दाख के नेता छठी अनुसूची का दर्जा, विधायिका सहित राज्य का दर्जा और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं।


कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं कविंद्र गुप्ता
उन्होंने पहले भी सरकार और अपनी पार्टी दोनों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में भाजपा-पी.डी.पी. गठबंधन सरकार के दौरान वर्ष 2018 में वह 51 दिनों के लिए जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री भी रहे। भाजपा द्वारा महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया। जम्मू शहर के जानीपुर क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले 66 वर्षीय गुप्ता वर्ष 2005 से 2010 तक लगातार तीन बार जम्मू के मेयर भी रहे हैं। उन्होंने भाजपा की राज्य इकाई के महासचिव के रूप में भी कार्य किया तथा वर्ष 1993 से 1998 तक लगातार दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की जम्मू-कश्मीर इकाई का नेतृत्व किया। गुप्ता वर्ष 2014 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री रमन भल्ला को हराकर गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे तथा उन चुनावों में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की जीत के बाद उन्हें सर्वसम्मति से विधानसभा के अध्यक्ष चुना गया था। विश्व हिंदू परिषद (वी.एच.पी.) के सचिव भी रह चुके कविंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) कार्यकर्ता के रूप में आपातकाल के दौरान लगभग 13 महीने जेल में बिताए थे।
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