Edited By Kamini, Updated: 02 Sep, 2025 03:29 PM

लगातार बारिश और हाल ही में आई बाढ़ व भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को अगले आदेशों तक स्थगित किया है।
जम्मू डेस्क : वैष्णो देवी यात्रा मंगलवार को 8वें दिन भी आस्थाई रूप से स्थगित है। लगातार बारिश और हाल ही में आई बाढ़ व भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को अगले आदेशों तक स्थगित किया है। वहीं यात्रा मार्ग के संवेदनशील इलाकों में स्थित होटलों और दुकानों को तुरंत खाली करने का आदेश दिया गया है। इन प्रभावित क्षेत्रों में एशिया चौक, बलिनी पुल और दर्शनी ड्योड़ी तक शामिल हैं।
श्राइन बोर्ड के अधिकारी के अनुसार, इन हिस्सों में लगभग 80 से ज्यादा दुकानें और छोटे होटल भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं। यह कदम सुरक्षा और सामान्य जनजीवन को प्रभावित करने वाली घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है। हाल ही में अचानक बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटना हो गई थी जिस कारण यात्रा भी बाधित हुई।
पूर्व में इस मार्ग का प्रबंधन बरिदर सेवा समिति करती थी। समिति के पूर्व अध्यक्ष शेर सिंह बरिदराम ने बताया कि कटरा में सामान्य दिनों में लगभग 30 हजार श्रद्धालु रहते थे, लेकिन पिछले सात दिन से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है। श्राइन बोर्ड ने बताया कि 18 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग की मुरम्मत का काम जारी है और मुरम्मत पूरी होने के बाद ही यात्रा शुरू की जाएगी। इसके अलावा, जिन श्रद्धालुओं की हेलिकॉप्टर सेवा, भवन या भैरों घाटी के बीच रोपवे, होटल बुकिंग थी, उन्हें पूरी राशि वापस की जा रही है। आपको बता दें कि, 26 अगस्त को अर्द्धकुंवारी मंदिर के पास भूस्खलन में 34 लोगों की जान चली गई थी। इसे देखते हुए सुरक्षा के कदम और सख्त कर दिए गए हैं।
यात्रा के दौरान फंसे श्रद्धालुओं के लिए होटल्स एवं रेस्टोरेंड वालों का अहम कदम:
गौरतलब है कि, लैंडस्लाइड के बाद यात्रा बंद होने के बाद से 700 के करीब श्रद्धालु कटरा में फंसे हुए हैं। इस संबंधी जानकारी देते हुए कटरा के होटल्स एवं रेस्टोरेंड एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने बताया है कि, यहां पर 300 होटल-गेस्ट हाउस हैं और इनमें 6 हजार कमरे हैं। यहां फंसे 700 श्रद्धालुओं के लिए कमरे खोले गए हैं। इस दौरान इन श्रद्धालुओं को फ्री में नाश्ता और खाना दिया जा रहा है। अध्यक्ष राकेश वजीर ने बताया कि, एक सप्ताह से हमें नुकसान हो रहा हैं लेकिन इस दुख की घड़ी में हम सबको एक साथ होने बहुत जरुरी है।
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