Edited By Neetu Bala, Updated: 20 Jun, 2025 02:58 PM

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने केंद्र पर आरोप लगाया।
जम्मू/श्रीनगर : नैशनल कांफ्रैंस प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी करने के अलावा राज्यसभा एवं विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव नहीं करा रही है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने केंद्र पर कश्मीर के लोगों के प्रति जानबूझकर संवैधानिक उपेक्षा और अन्याय करने का आरोप लगाया।
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना कोई रियायत नहीं बल्कि संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का मुद्दा वास्तविक शासन में बाधा है क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के ढांचे के तहत जम्मू-कश्मीर का शासन बिना हवा के पतंग उड़ाने जैसा है। उन्होंने कहा, ‘हम मवेशी नहीं बल्कि इंसान हैं और हमें अपने अधिकार मिलने चाहिएं। अगर हम इस देश का हिस्सा हैं तो हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है?’
नैकां प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में चार खाली राज्यसभा सीटों और दो खाली विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव न कराने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘संविधान को ताक पर रख दिया गया है।’
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उल्लेखनीय है कि बड़गाम विधानसभा सीट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा गत वर्ष चुनावों में जीती गई 2 सीटों में से एक से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई जबकि नगरोटा सीट गत अक्तूबर में भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद खाली हुई थी। वहीं गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह मन्हास, नजीर अहमद लावे तथा फैयाज अहमद मीर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद फरवरी 2021 से जम्मू-कश्मीर से चार राज्यसभा सीटें भी खाली हैं। भाजपा पर केंद्र में सत्ता में रहते हुए जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लोकतांत्रिक अधिकारों की अनदेखी करने की बात कहते हुए डा. अब्दुल्ला ने मुस्लिम विरोधी भावना का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, ‘उन्हें कमजोर करने के लिए उनके घर, दुकानें और मस्जिदें गिराई जा रही हैं।’
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर के बाहर कश्मीरी छात्रों पर हुए हमलों पर चिंता जताते हुए डा. अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने हमले की निंदा की। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। फिर भी कश्मीर के बाहर कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया।’ गाजा और ईरान में इजरायली सैन्य कार्रवाई की आलोचना करते हुए नैकां प्रमुख ने कहा, ‘सबसे पहले अमरीका के समर्थन से इजरायल ने गाजा में मुसलमानों को फिलिस्तीन से विस्थापित करने के लिए मार डाला। अब वे ईरान को नष्ट करने के लिए उस पर बमबारी कर रहे हैं।’ उनका कहना था कि इजराइल अपनी योजनाओं में सफल नहीं हो पाएगा।
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