Edited By Neetu Bala, Updated: 20 Jun, 2025 05:38 PM

कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा का खुले दिल से स्वागत किया है,
श्रीनगर ( मीर आफताब ) : कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा का खुले दिल से स्वागत किया है, साथ ही भोले नाथ के भक्तों को अमरनाथ यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए यहां आने के लिए आमंत्रित किया है। यहां मीडिया को संबोधित करते हुए केटीएमएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन खान ने कहा, “अमरनाथ यात्रा भारत की सबसे पुरानी और आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण तीर्थयात्राओं में से एक है और इसकी जड़ें कश्मीर की संस्कृति और इतिहास से गहराई से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि पवित्र गुफा और यात्रा का मार्ग सदियों पहले खोजा गया था और यह कश्मीर के लोग ही हैं जिन्होंने पीढ़ियों से इसके प्राकृतिक संरक्षक और देखभाल करने वाले के रूप में काम किया है। पहाड़ी इलाकों में तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन करने से लेकर भोजन, आश्रय और सहायता प्रदान करने तक कश्मीरी हमेशा इस पवित्र यात्रा के रक्षक के रूप में खड़े रहे हैं, जो सांप्रदायिक सद्भाव की एक सम्मानित भावना को दर्शाता है। अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आतिथ्य, समावेशिता और सांप्रदायिक सद्भाव की हमारी सदियों पुरानी परंपरा का प्रतिबिंब है। हमें इस विरासत का हिस्सा होने पर गर्व है।
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उन्होंने कहा कि केटीएमएफ और पूरा कश्मीरी व्यापारिक समुदाय खुले दिल से यात्रा का स्वागत करता है, और हम इसे सुचारू, शांतिपूर्ण और सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इसे अंतरधार्मिक भाईचारे का प्रतीक बताते हुए खान ने कहा, "कश्मीर सदियों से सांझा आध्यात्मिक विरासत का केंद्र रहा है, जहां हिंदू और मुसलमान परस्पर सम्मान के साथ रहते और जश्न मनाते आए हैं। अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक तीर्थयात्रा नहीं है, बल्कि यह इस अनोखे भाईचारे का प्रतिबिंब है और यह इस बात का प्रतीक है कि कैसे विभिन्न धर्म शांतिपूर्ण और सार्थक रूप से सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी यात्रियों से अपील करते हैं कि वे बिना किसी डर या झिझक के आएं और कश्मीर को देखें । “आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए हम अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे यात्रियों को स्थानीय लोगों से बातचीत करने की स्वतंत्रता दें। तीर्थयात्रियों को हमारे बाजारों में घूमने, हमारे दुकानदारों से बात करने, हमारे भोजन का स्वाद चखने और कश्मीरी आतिथ्य का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस तरह की बातचीत से न केवल विश्वास बढ़ेगा बल्कि यह विचार भी मजबूत होगा कि कश्मीर खुला, स्वागत करने वाला और शांतिपूर्ण है।
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