Edited By Neetu Bala, Updated: 08 Feb, 2025 08:10 PM
![doctor wrote piles medicine on the prescription instead of allergy](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_20_09_310176208fsdfsffwerwerqwe-ll.jpg)
लापरवाही के मामले को गंभीरता से लेने के बजाए दवा पर्ची को बच्चे के पिता से वापस लेने का डाक्टरों ने दबाव तक बनाना शुरू कर दिया।
श्रीनगर : कान के बजाए पेट का आपरेशन कर महिला का गर्भाशय निकालने की घटना का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि श्रीनगर के एक और सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही का एक मामला सामने आया है । बताते चले कि श्रीनगर के जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल में इलाज को आए तीन वर्षीय बच्चे की त्वचा पर चकत्ते के इलाज के लिए प्रशिक्षत डॉक्टर ने गूगल सर्च करके बवासीर की दवाई लिख दी। लापरवाही के मामले को गंभीरता से लेने के बजाए दवा पर्ची को बच्चे के पिता से वापस लेने का डाक्टरों ने दबाव तक बनाना शुरू कर दिया।
जानें क्या है पूरा मामला
श्रीनगर के जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल में एक 3 वर्षीय बच्चे को गलत दवाई दी गई है। जिसके बाद बवाल मचा हुआ है। बच्चे के पिता, फिरोज अहमद मीर ने, बताया कि जब उनके बच्चे को त्वचा पर चकत्ते के कारण दवाई दी जानी थी, तो डॉक्टर ने उसी समय गूगल सर्च करके बवासीर की दवाई लिख दी।
फिरोज ने बताया कि जब वह दवाई के बारे में डॉक्टर को बताया, तो डॉक्टर ने कहा कि यह दवाई सही है, लेकिन जब उन्होंने दवाई को वापस लेने के लिए दबाव बनाया, तो डॉक्टर ने कहा कि यह दवाई त्वचा पर चकत्ते के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है।
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इस मामले के बाद, फिरोज ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने जांच करने के बजाए पोल को बचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी डॉक्टर इस तरह लापरवाही भरी कार्रवाई करते रहते हैं, तो न जाने कितने मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ मुश्ताक अहमद बाबा ने बताया कि बवासीर की दवाई शरीर के किसी और अंग पर इस्तेमाल करना घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए यह दवा घातक है, और इसे इस्तेमाल करने से त्वचा को हानि पहुंच सकती है।
इस मामले में, अस्पताल प्रशासन द्वारा अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। फिरोज ने कहा कि उन्हें सीएमओ से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिले।
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