Edited By VANSH Sharma, Updated: 23 Aug, 2025 03:27 PM

चार घंटे तक चाइनीज मांझे (गट्टू डोर) में फंसा रहा।
राजौरी (अमित शर्मा): वाइल्डलाइफ विभाग ने एक बहादुर अभियान के जरिए बगले की जान बचाई। जानकारी के अनुसार, पक्षी चार घंटे तक चाइनीज मांझे (गट्टू डोर) में फंसा रहा। इसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ पर चढ़कर उसे सुरक्षित बाहर निकाला।
चाइनीज मांझा न केवल इंसानों के लिए खतरनाक है, बल्कि पक्षियों, जानवरों और पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है। यह नायलॉन या प्लास्टिक कोटेड मेटल से बना होता है, जो बहुत मजबूत और धारदार होता है। इसके कारण कई बार लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या अपनी जान गंवा बैठते हैं।
पतंगबाजी के मौसम में गट्टू डोर पेड़ों, बिजली और टेलीफोन के खंभों में उलझ जाता है। इससे गुजरते हुए पक्षी उसमें फंस जाते हैं और घायल हो जाते हैं। विभाग के अनुसार, हर साल सैकड़ों पक्षी इसके शिकार बनते हैं। इसके अलावा, गट्टू डोर में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक नष्ट नहीं होता और पानी व जमीन को प्रदूषित करता है। अगर जानवर इसे निगल लें तो उनकी मौत भी हो सकती है।
वाइल्डलाइफ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बगला को बचाने में टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। बचाव के दौरान पक्षी ने कर्मचारियों पर हमला भी किया, लेकिन टीम ने उसे सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई। अधिकारियों ने सभी से अपील की है कि चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और पर्यावरण व जीव-जंतुओं की सुरक्षा में मदद करें।

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