सदन की कार्रवाई के नियम तय करने के लिए बनेगी कमेटी, नियमों का होगा संशोधन : Speaker

Edited By Neetu Bala, Updated: 04 Nov, 2024 08:04 PM

a committee will be formed for the proceedings of the house speaker

कमेटी में सभी दलों से सदस्यों को लिया जाएगा, ताकि कार्रवाई को चलाने के लिए नियम तय किया जा सके।

श्रीनगर: विधानसभा के नवनिर्वाचित स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि सदन की कार्रवाई चलाने के लिए नियमों को तय किया जाएगा और इसके लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में सभी दलों से सदस्यों को लिया जाएगा, ताकि कार्रवाई को चलाने के लिए नियम तय किया जा सके।

सदन की कार्रवाई शुरू करते हुए प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने मंत्री जावेद अहमद डार की स्पीकर के चुनाव का मोशन पेश करने के लिए कहा और उन्होंने अब्दुल रहीम राथर के नाम का प्रस्ताव पेश किया, जिसका विधायक अर्जुन सिंह ने अनुमोदन किया। स्पीकर चुने जाने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने अब्दुल रहीम राथर को स्पीकर की कुर्सी तक लेकर गए और उन्हें पद पर बिठाया। विधायकों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि लंबे समय बाद लोगों ने इस सरकार को चुना है और जितने भी जनप्रतिनिधि हैं उनका दायित्व है कि वे समय का ध्यान रखते हुए लोगों की बात रखें। उन्होंने कहा क्योंकि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और इस विधानसभा में कार्रवाई को चलाने के लिए नियमों को तय किया जाएगा और नियमों के हिसाब से कार्रवाई चलेगी। फिलहाल, जो जम्मू-कश्मीर की पुरानी विधानसभा की कार्रवाई चलती थी उसी के नियमों में संशोधन किया जाएगा, ताकि सदन की कार्रवाई को चलाया जा सके।

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विधानसभा स्पीकर ने कहा कि कु छ लोग पहली बार चुन कर आए हैं। इसके लिए जरूरी है कि वे संयम से काम लें और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि 36 वर्ष वह इस सदन का हिस्सा रहे हैं और नेता विपक्ष भी रहे हैं, लेकिन कभी भी उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने लोगों की बात रखें, ताकि उन्हें सुलझाया जा सके। उन्होंने कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं ने बड़े विपरीत हालात में मतदान किया और जनप्रतिनिधियों को चुना है। इसलिए उन पर अधिक जिम्मेदारी तय हो गई है, ताकि वे अपने लोगों की बात रख सकें। अगर कोई अनुशासन का पालन नहीं करेगा तो मजबूर होकर उन्हें कार्रवाई के लिए कहना पड़ेगा। इससे पहले उन्होंने सभी दलों का आभार जताते हुए कहा कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है उस पर वह खरा उतरेंगे। हालांकि वह एक राजनीतिक दल से 45 वर्ष से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब इस पद पर बैठने के बाद उनकी जिम्मेदारी है कि वह विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी अवसर प्रदान करें, ताकि वे अपनी बात रख सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें नैशनल कांग्रेस के संस्थापक शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के साथ काम करने का भी अवसर मिला और अब वह उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में बनी सरकार में यह महत्वपूर्ण पद प्रदान किया गया है तथा वह इसकी गरिमा को बरकरार रखेंगे।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उनके चुनाव में कोई भी विरोध में खड़ा नहीं हुआ। उन्होंने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के साथ भी काम किया है और उनके अनुभव का लाभ सभी को मिलेगा। वह इस सदन के संरक्षक हैं। इसलिए सभी को अपनी बात रखने का मौका देंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते तो यह इस पद के साथ धोखा होगा। उन्होंने कहा कि सभी को यहां पर लोगों ने चुन कर भेजा है। इसलिए सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। भाजपा के नेता सुनील शर्मा ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उन्हें यह अहम पद दिया गया है। इसलिए यह जिम्मेदारी है कि वह विपक्ष के लोगों को अधिक अवसर प्रदान करें, ताकि लोगों को अपनी बात रखने का अवसर मिले। कांग्रेस के जी.ए. मीर ने कहा कि आपने बड़े पदों पर रहते हुए काम किया है। इसके साथ राष्ट्रीय स्तर पर जी.एस.टी. काउंसिल में भी अपने सुझाव दिए हैं। आपके अनुभव का सभी को लाभ मिलेगा जो यह 10 साल बाद विधानसभा बनी है। इसमें जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। सी.पी.आई. विधायक एम.वाई. तारिगामी ने कहा कि जम्हूरियत का जो चिराग जला है इसकी रोशनी और बढ़नी चाहिए तथा यह रोशनी बुझनी नहीं चाहिए। इसलिए आप इस सदन के संरक्षक हैं और इसके लिए जरूरी है कि आप जनप्रतिनिधियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए जम्मू-कश्मीर को उस भंवर से बाहर निकालें, ताकि यहां पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को बल मिले।

पीपल कांफ्रैं स के सज्जाद गनी लोन ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है कि आप निष्पक्ष ढंग से सदन की कार्रवाई चलाएंगे। उन्होंने कहा कि वह यहां पर यह बात नहीं उठाना चाहते थे कि जो सरकार के मंत्री हैं वह क्षेत्र के विधायक को बिना बताए ही काम कर रहे हैं। जबकि उनकी कार्यशैली से ऐसा लगता है कि वह पार्टी का एजैंडा चला रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि आप ऐसा नहीं करेंगे।

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