Dal Lake शिकारा चलाने वालों को कड़े निर्देश, अब करना होगा ये काम

Edited By VANSH Sharma, Updated: 19 Apr, 2025 07:57 PM

strict instructions to shikara operators

डल झील में दो दिन पहले हुई शिकारा पलटने की घटना के बाद, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) ने दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक नया सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किया है।

श्रीनगर (मीर आफताब) : डल झील में दो दिन पहले हुई शिकारा पलटने की घटना के बाद, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) ने दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक नया सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किया है।

एक अधिकारी के अनुसार, अब सभी शिकाराओं का पर्यटन विभाग में पंजीकरण अनिवार्य है और हर शिकारें पर पंजीकरण संख्या स्पष्ट रूप से अंकित होनी चाहिए। कोई भी बिना अनुमति या बिना पंजीकरण के संचालित शिकारा पाए जाने पर उसे तुरंत जब्त कर लिया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि लाइफ जैकेट अब सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य कर दी गई हैं। हर शिकारें में यात्रियों की संख्या के बराबर या उससे अधिक लाइफ जैकेट होनी चाहिए। अगर नाव में बच्चे सवार हों तो उनके लिए छोटे आकार की जैकेट उपलब्ध होनी चाहिए। जब तक सभी यात्री सुरक्षा जैकेट नहीं पहनते, शिकारें को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इसके अतिरिक्त, हर शिकारें पर इसकी अधिकतम सवारी क्षमता, पंजीकरण संख्या और पर्यटन पुलिस, आपदा मोचन टीम और पास के अग्निशमन केंद्रों के आपातकालीन संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होने चाहिए। नाविकों के पास वैध पहचान पत्र और पंजीकरण दस्तावेज रखना भी अनिवार्य होगा। अधिभार (ओवरलोडिंग) पूरी तरह से निषिद्ध है और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आदेश में यह भी कहा गया है कि नाव मालिकों को नियमित रूप से अपनी नावों की संरचनात्मक जांच करनी होगी। जो नावें खराब या असुरक्षित पाई जाएंगी, उन्हें संचालन से रोक दिया जाएगा। कम दृश्यता के समय जैसे भोर या सांझ में संचालन के लिए नाव पर नेविगेशन लाइट और वाटरप्रूफ सीटी अनिवार्य कर दी गई है।

इसके अलावा, नाविकों को एक बेसिक फर्स्ट एड किट भी साथ में रखनी होगी और खराब मौसम में नौका संचालन से बचना होगा। किसी भी दुर्घटना की जानकारी दो घंटे के भीतर पर्यटन विभाग को देना अनिवार्य कर दिया गया है। हस्तचालित (मैन्युअल) चप्पू चलाना ही एकमात्र अनुमत तरीका होगा। किसी भी प्रकार के मोटर या यांत्रिक प्रणालियों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा, जब तक कि उसे विशेष अनुमति न दी गई हो। उल्लंघन की स्थिति में नाव को जब्त कर लिया जाएगा।

आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकार द्वारा अधिसूचित किराया दरों का पालन कड़ाई से किया जाएगा। हर नाव पर रेट कार्ड स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होना चाहिए। पर्यटकों से अतिरिक्त पैसे मांगना या अधिक शुल्क लेना सख्त मना है और ऐसा करना दंडनीय अपराध होगा।  

यथासमय औचक जांच भी की जाएगी और किसी भी प्रकार का उल्लंघन पाए जाने पर नाव का पंजीकरण निलंबित या रद्द किया जा सकता है और नाव को जब्त किया जाएगा। गौरतलब है कि हाल ही में डल झील के आंतरिक हिस्सों में एक शिकारा पलट गया था, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्य झील में गिर गए थे।

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