Edited By Neetu Bala, Updated: 24 Dec, 2024 01:10 PM
इस संकट ने लोगों को ठंड से बचने के लिए पुरानी और पारंपरिक तरीकों का सहारा लेने को मजबूर कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर : जम्मू और कश्मीर में रिकॉर्ड तोड़ ठंड के बीच बिजली कटौती ने लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है। स्मार्ट मीटरिंग और राजस्व वसूली में सुधार के बावजूद बिजली आपूर्ति की कमी बनी हुई है। इस वजह से जम्मू के ग्रामीण इलाकों में आठ से दस घंटे तक, जबकि शहरों में चार से छह घंटे तक घोषित और अघोषित बिजली कटौती हो रही है। इस संकट ने लोगों को ठंड से बचने के लिए पुरानी और पारंपरिक तरीकों का सहारा लेने को मजबूर कर दिया है।
ठंड से बचने के लिए पारंपरिक उपायों का उपयोग
कश्मीर में तापमान जमाव बिंदु से नीचे गिर चुका है, और यहां की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि लोग बिजली के बिना ही गर्म रहने के उपाय तलाश रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक हीटर और अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कम हो गया है क्योंकि बिजली कटौती के कारण इनका उपयोग संभव नहीं हो पा रहा है।
इसके बजाय, लोग कांगड़ी, हमाम और चिमनी जैसे पारंपरिक गर्मी स्रोतों का सहारा ले रहे हैं। कांगड़ी (जो एक प्रकार का मिट्टी का बर्तन होता है जिसमें कोयला या लकड़ी जलाकर गर्मी पैदा की जाती है) और हमाम (गर्म पानी से भरी एक विशेष प्रकार की गुफा या कमरा) का उपयोग बढ़ गया है। इसके अलावा, घरों में सुखी लकड़ी, कोयला और अन्य ईंधन का भंडारण किया जा रहा है ताकि सर्दियों में ठंड से बचा जा सके।
बिजली संकट और उसके प्रभाव
बिजली की कमी के कारण सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि व्यवसायों और सार्वजनिक सुविधाओं पर भी असर पड़ा है। लोग ज्यादातर घरेलू उपयोग के लिए कंबल, स्वेटर और गर्म कपड़े पहनने के अलावा, आग जलाकर अपने घरों को गर्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इस परिस्थिति ने सरकार और बिजली विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है, क्योंकि ठंड के मौसम में बिजली की अधिक मांग बढ़ने से संकट और गहरा सकता है।
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