पुलिस ने हिरासत में लिया नॉन-टीचिंग स्टाफ, जानें क्या है वजह

Edited By Sunita sarangal, Updated: 20 Feb, 2025 01:24 PM

police held non teaching staff in custody

इस दौरान कर्मियों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।

जम्मू: अखिल जम्मू-कश्मीर, यू.टी. दैनिक वेतनभोगी संघर्ष समिति के नेतृत्व में बुधवार को शिक्षा विभाग के अस्थाई कर्मियों ने लंबित मांगों को लेकर एम.ए. स्टेडियम के बाहर प्रदर्शन किया। कर्मियों ने सचिवालय घेराव का ऐलान किया था लेकिन भारी पुलिस बंदोबस्त ने कर्मियों को सचिवालय घेराव विफल कर दिया।

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10 वर्षों से कर रहे संघर्ष

पूरे जम्मू संभाग के 10 जिलों से स्कूलों में नियुक्त किए गए सी.पी.डब्लयू., भूमिदाता, रसोइयों व वेतनभोगी कर्मियों ने नियमित करने व न्यूनतम वेतन निर्धारित करने की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष जावेद अहमद ने कहा कि सभी वर्ग के दैनिक वेतन भोगी कर्मी इन्हीं दोनों मांगों को लेकर गत 10 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन आज तक किसी भी सरकार या उप-राज्यपाल प्रशासन ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया।

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सभी कर्मी सरकारी स्कूलों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिसमें निगरानी करना, झाड़ू लगाना, मिड डे मील तैयार करना, स्कूलों में साफ-सफाई बनाए रखना आदि जैसे विभिन्न नॉन-टीचिंग काम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे अवसर भी आए हैं जब अधिकारियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों को चालू रखना चुनौतीपूर्ण हुआ करता था, तब भी विभाग द्वारा उनकी जरूरतों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखे बिना उनका इस्तेमाल किया।

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50 हजार से अधिक कर्मी हो रहे प्रभावित

पिछले 10 वर्षों से शिक्षा विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी के लागू होने के नाम पर उन्हें लगातार धोखा दिया जा रहा है। सर्वोच्च प्रशासनिक स्तर तक हर अधिकारी ने उन्हें अपने झूठे शब्दों और वादों से इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग पिछले कुछ वर्षों से न्यूनतम वेतन की उनकी मांग को बजट में रख रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से वित्त विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर उन्हें उनकी वास्तविक अधिकारों से वंचित रखा है जिसके चलते लगभग 50 हजार से अधिक कर्मियों को कष्ट सहना पड़ रहा है। जावेद ने कहा कि कर्मियों को एक वर्ष में केवल 10 माह का महज 900 रुपए प्रति माह वेतन मिलता है जिससे किसी भी कर्मी का गुजारा नहीं होता है जबकि काम पूरा लिया जाता है।

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28 फरवरी से करेंगे काम बंद

प्रदर्शन के बाद कर्मियों ने सचिवालय की ओर कूच किया लेकिन पुलिस के भारी बंदोबस्त ने कर्मियों को आगे बढ़ने से रोक लिया। इस दौरान कर्मियों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। कर्मी सचिवालय जाने के लिए अड़े रहे लेकिन पुलिस ने कर्मियों को आगे बढ़ने नहीं दिया। आखिरकार पुलिस ने 70 से अधिक कर्मियों को हिरासत में लिया और अन्य कर्मियों को तितर-बितर कर दिया। देर शाम कर्मियों को छोड़ भी दिया गया।

वहीं कमेटी के अध्यक्ष जावेद अहमद ने कहा कि अब कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि 28 फरवरी तक अगर मांगें पूरी नहीं की गई तो सभी कर्मी 1 मार्च से काम नहीं करेंगे व भूख हड़ताल करेंगे। वे स्कूल की किसी भी निगरानी या किसी अन्य समस्या के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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