जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के पहले CM होंगे Omar, Oath Ceremony की तैयारियां पूरी

Edited By Sunita sarangal, Updated: 16 Oct, 2024 10:29 AM

omar abdullah oath ceremony preparations

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के अलावा 8 कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलवाई जा सकती है जिनमें कश्मीर घाटी से 4 से 5, जम्मू संभाग से 3 से 4 एवं एक महिला के मंत्रिमडल में शामिल होने की संभावना है।

जम्मू : अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की तैयारियां पूरी हो गई हैं। अधिकारियों के अनुसार बुधवार को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एस.के.आई.सी.सी.) में मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुबह साढ़े 11 बजे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में कई अति विशिष्ट व्यक्तियों (वी.वी.आई.पी.) के शामिल होने के मद्देनजर शपथ ग्रहण समारोह स्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले नेताओं में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव मुख्य हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव पहले ही श्रीनगर पहुंच चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को नेकां उपाध्यक्ष को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह निमंत्रण केंद्र सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को हटाए जाने के एक दिन बाद आया था।

हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में केंद्र शासित प्रदेश की कुल 90 सीटों में से नेकां ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की। दोनों चुनाव-पूर्व सहयोगी दलों के पास 95 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत है जबकि सदन के 5 सदस्यों को उपराज्यपाल द्वारा नामित किया जाना है। वहीं नवनिर्वाचित 5 निर्दलीय विधायकों एवं आम आदमी पार्टी (आप) के एक अकेले विधायक द्वारा समर्थन दे दिए जाने के नतीजे में नेकां की ताकत और अधिक बढ़ गई है।

स्टालिन के स्थान पर कनिमोझी होंगी शामिल

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे क्योंकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आई.एम.डी.) द्वारा पूर्वोत्तर मानसून के कारण ‘रैड अलर्ट’ जारी किए जाने के कारण वह एहतियाती काम में लगे हुए हैं। वहीं शपथ ग्रहण समारोह में डी.एम.के. सांसद कनिमोझी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगी।

मंत्री पद के दावेदार

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के अलावा 8 कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलवाई जा सकती है जिनमें कश्मीर घाटी से 4 से 5, जम्मू संभाग से 3 से 4 एवं एक महिला के मंत्रिमडल में शामिल होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो जम्मू संभाग के नौशहरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा दिग्गज रविंद्र रैणा को पटखनी देने वाले सुरेंद्र चौधरी मंत्री पद पाने वालों में सबसे आगे हैं। वहीं छंब से कांग्रेस द्वारा टिकट न दिए जाने के उपरांत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर भाजपा के राजीव शर्मा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारा चंद को हराने वाले सतीश शर्मा भी मंत्री पद हासिल कर सकते हैं। इसी प्रकार रामबन से जीत दर्ज करने वाले अर्जुन सिंह राजू, इंदरवाल एवं बनी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर नेकां को समर्थन देने वाले प्यारे लाल शर्मा एवं रामेश्वर सिंह के नाम भी चर्चाओं में हैं।

वहीं मेंढर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले वरिष्ठ नेकां नेता भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार नेकां को समर्थन दे रहे डोडा से आम आदमी पार्टी एवं कुलगाम से कम्युनिस्ट पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों मेहराज मलिक एवं मोहम्मद युसूफ तारिगामी को फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जा रहा तथा उन्हें बाद में किसी बोर्ड का चेयरमैन इत्यादि बनाया जा सकता है।

इसके अलावा उत्तरी कश्मीर से मीर सैफुल्लाह, दक्षिण कश्मीर से सकीना इत्तू को मंत्री पद दिए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। वहीं कांग्रेस को केवल एक मंत्री पद दिया जा सकता है जिसके लिए तारिक हामिद कर्रा एवं गुलाम अहमद मीर दौड़ में शामिल हैं।

गुलाम अहमद मीर कांग्रेस के नेता

आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी पत्र के अनुसार विधानसभा सदस्यों की ओर से पारित प्रस्ताव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्होंने पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर को विधायक दल का नेता चुना है। मीर इससे पहले जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।

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