Edited By Neetu Bala, Updated: 06 Jan, 2025 08:27 PM
J&K: फिर से बन सकते हैं Lockdown जैसे हालात ! अब इस नए वायरस से लोगों में फैला खौफ
जम्मू : भारत में कोरोना के बाद चीन में मिले ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस संक्रमण (एच.एम.पी.वी.) के 3 मामले सामने आए हैं जिसके चलते देश के सभी राज्य सतर्क हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर में भी इस वायरस को लेकर दहशत बन गई है लेकिन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. राकेश मगोत्रा ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग इस वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर.) ने कर्नाटक और गुजरात में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एच.एम.पी.वी.) के 3 मामलों का पता लगाया है। तीनों मामलों की पहचान कई प्रकार के श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी। यह देश भर में श्वसन संबंधी रोगों की निगरानी के लिए आई.सी.एम.आर. के जारी प्रयासों का हिस्सा है। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है।
श्वसन संक्रमण का कारण बनता है HMPV
HMPV वायरस श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों पर अधिक प्रभावी होता है। आई.सी.एम.आर. और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आई.डी.एस.पी.) नैटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आई.एल.आई.) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एस.ए.आर.आई.) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। हांलाकि इस वायरस का पहला मामला वर्ष 2001 में सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट दे रहा है ताकि वर्तमान में जारी उपायों के बारे में और जानकारी मिल सके।
HMPV के लक्षण
एच.एम.पी.वी. लक्षण सर्दियों के संक्रमण (जैसे सामान्य सर्दी और फ्लू) के समान होते हैं। वायरस से संक्रमित होने के बाद लक्षण आमतौर पर 3-6 दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। एच.एम.पी.वी. से सबसे ज्यादा छोटे बच्चे, वृद्ध व्यक्ति, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, पहले से सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीज को खतरा होता है। इसलिए ऐसे लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अधिकांश लोगों में एच.एम.पी.वी. हल्के लक्षण पैदा करेगा। कुछ व्यक्तियों में ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में संक्रमण) और अस्थमा के बिगड़ने का कारण बनता है। एच.एम.पी.वी. से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ होना शामिल हैं।
सावधानी बरतें लोग : स्वास्थ्य निदेशक
स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. राकेश मगोत्रा ने कहा कि एच.एम.पी.वी. वायरस और कोरोना वायरस दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं। विभाग श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है और आवश्यकता होने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप शीघ्र ही कार्यान्वित किया जा सकता है। डाक्टर व संबंधित उपकरण भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से काफी कुछ सीखा है और उचित कदम उठाने के बाद ही जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस से निपट सके थे।
एच.एम.पी.वी. वायरस कोई नया वायरस नहीं है, यह करीब 20 साल पुराना वायरस है लेकिन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है और विभाग लोगों से भी अपील करता है कि कोरोना की तरह इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि मास्क पहने, बार-बार हाथ धोएं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि इस वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। वैसे भी लोगों को सर्दी के मौसम में विशेष सतर्कता बरतकर बीमारियों से बचाव करना चाहिए। फिलवक्त सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भी विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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