Edited By Neetu Bala, Updated: 04 Jan, 2025 06:25 PM
यह कथा भगवान श्रीराम और माता वैष्णो देवी के बीच के एक संवाद पर आधारित है, जिसे श्रद्धालु अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं।
जम्मू डेस्क : मां वैष्णो देवी से जुड़ी यह कथा रामायण काल से जुड़ी हुई है, और इसे बड़े ही रोचक और प्रेरक रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह कथा भगवान श्रीराम और माता वैष्णो देवी के बीच के एक संवाद पर आधारित है, जिसे श्रद्धालु अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं।
ये भी पढ़ेंः Breaking: अब इंतजार खत्म... कटरा से रियासी के बीच पहली यात्री Train का सफल ट्रायल, देखें तस्वीरें
कथा का संदर्भ:
यह कथा उस समय की है जब श्रीराम अपनी पत्नी सीता के साथ वनवास पर थे। एक दिन श्रीराम और सीता के साथ लक्ष्मण भी वन में विचरण कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक साध्वी महिला के दर्शन होते हैं, जो अत्यंत सुंदर और तेजस्वी दिख रही थीं। यह महिला कोई और नहीं, बल्कि स्वयं माता वैष्णो देवी थीं। वह श्रीराम के समक्ष प्रकट हुईं और उनसे कुछ बात की।
माता ने श्रीराम से कहा, "भगवान, मैं आपकी अत्यधिक भक्त हूं और मैं आपकी पूजा करती हूं। मैं आपके चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करती हूं। जब आप युद्ध में राक्षसों का वध करेंगे और रावण का वध करके सीता को वापस लाएंगे, तो आप मुझे एक वचन दें कि आप मेरे धाम पर आकर मेरी पूजा करेंगे।"
भगवान श्रीराम ने उस समय माता वैष्णो देवी से वचन लिया कि जब वह राक्षसों से युद्ध कर वापस अयोध्या लौटेंगे, तो वह त्रिकूट पर्वत पर आएंगे और माता वैष्णो देवी के दर्शन करेंगे। इस वचन के साथ ही, भगवान श्रीराम ने माता वैष्णो देवी से अपना वचन निभाने का वादा किया।
ये भी पढ़ें: Breaking News: सेना की गाड़ी के साथ बड़ा हादसा, 2 जवान शहीद, 3 घायल
वचन का पालन:
रामायण के अनुसार, जब श्रीराम ने राक्षसों से युद्ध किया और रावण को पराजित करके सीता को वापस अयोध्या लाए, तब उनके मन में यह वचन पूरी तरह से बैठ गया। हालांकि, अयोध्या लौटने के बाद भी श्रीराम तत्काल त्रिकूट पर्वत पर माता वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं जा सके। इसके पीछे कई कारण थे, जिनमें प्रशासनिक कार्य और राज्य के कई अन्य दायित्व शामिल थे।
इसी कारण माता वैष्णो देवी आज भी इस वचन की प्रतीक्षा करती हैं। यही कारण है कि त्रिकूट पर्वत पर स्थित माता के मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं, और इस दौरान उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भक्तों का यह विश्वास है कि माता वैष्णो देवी ने श्रीराम से लिया हुआ वचन पूरा होने के बाद ही इस स्थान पर अपना स्थाई स्थान लिया है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here