Edited By Sunita sarangal, Updated: 10 Apr, 2025 06:22 PM

उसके कामों ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर दिया।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने बड़ा एक्शन लिया है। एल.जी. मनोज सिन्हा ने राष्ट्र विरोध गतिविधियों में शामिल 2 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः जल्द बदलेगी Katra की तस्वीर, Mata Vaishno Devi जाने वालों को भी मिलेगा फायदा
जानकारी के अनुसार कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों द्वारा नोटिस में कर्मचारियों की राष्ट्र विरोध गतिविधियों में संलिप्तता पाई गई थी। इस नोटिस में साफ जाहिर था कि कर्मचारियों का आतंकवाद से लिंक जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में सहायक वायरलेस ऑपरेटर बशारत अहमद मीर पुत्र गुलाम मोहम्मद मीर निवासी अपर ब्रेन जिला श्रीनगर एजेंसियों से विश्वसनीय इनपुट के आधार पर खुफिया रडार के तहत था। खुफिया एजेंसी को यह इनपुट मिली थी कि आरोपी पाकिस्तान खुफिया ऑपरेटिव के साथ लगातार संपर्क में था। एक प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी होने के नाते वह एक संवेदनशील स्थान पर तैनात था। उसके पास राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच थी लेकिन एक पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी निभाने के बजाय उसने विरोधी के हाथों में खेलने वाला एक सक्रिय माध्यम बनना चुना। उसके कामों ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर दिया।
यह भी पढ़ेंः मेहराज मलिक पर हुए हमले के बाद भड़के APP कार्यकर्ता, जोरदार हंगामे के बाद पुलिस ने किया Arrest
वहीं इश्तियाक अहमद मलिक पुत्र स्वर्गीय गुलाम रसूल मलिक अहमद निवासी शित्रू लार्नू जिला अनंतनाग, लोक निर्माण (आर एंड बी) विभाग में वरिष्ठ सहायक के रूप में कार्यरत था। उसे प्रतिबंधित गैरकानूनी संघ (जे.ई.आई.-जे.के.) के सक्रिय सदस्य और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल-मुजाहिदीन के आतंकवादी सहयोगी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। आरोपी ने जे.ई.आई. के एक प्रमुख पदाधिकारी के रूप में अपने प्रभाव क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने समर्थकों का एक नेटवर्क बनाने में भी मदद की जो बाद में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन के ओवरग्राउंड वर्कर और पैदल सैनिक बन गए। ये वर्कर और सैनिक भारतीय सुरक्षाबलों, राजनेताओं, सरकारी पदाधिकारियों, नागरिकों, सैन्य प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर आतंकवादी हमलों की श्रृंखला में शामिल रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः Jammu में दिनदहाड़े बड़ी वारदात, लोगों में दहशत का माहौल
इसके अलावा आरोपी ने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और अन्य रसद प्रदान करके हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकवादी गतिविधियों को गुप्त रूप से सुविधाजनक बनाया। विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों की सहायता, सुविधा, मार्गदर्शन और बढ़ावा देने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। वह आतंकवादियों को सुरक्षाबलों की आवाजाही के बारे में महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मुहैया कराता था, जिससे उन्हें पकड़ से बचने और जवाबी हमले शुरू करने में मदद मिलती थी। इसके परिणामस्वरूप अकसर सुरक्षाबल हताहत होते थे।
यह भी पढ़ेंः Gold Price Hike : जम्मू-कश्मीर में महंगा हुआ सोना, एक Click में जानें क्या है Rate
सरकारी सेवा में होने का फायदा उठाने वाले राष्ट्रविरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here