Edited By Sunita sarangal, Updated: 11 Apr, 2025 10:21 AM

उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार की बैठक एल.ओ.सी. पर नियमित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी।
जम्मू: भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच सीमा प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एल.ओ.सी.) के पास ब्रिगेड कमांडर स्तर की ‘फ्लैग मीटिंग' हुई। इस महीने दोनों पक्षों के बीच यह इस तरह की दूसरी बैठक है। इस मीटिंग दौरान भारत ने पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी जारी करते कहा कि सीमा पार से आतंकवाद बंद किया जाए नहीं तो अंजाम भुगतना पड़ेगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक सीमावर्ती बिंदु चकन-दा-बाग पर हुई जिसका नेतृत्व दोनों पक्षों के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों ने किया। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि फ्लैग मीटिंग दोनों पक्षों के बीच डी.जी.एम.ओ. की समझ के अनुसार एल.ओ.सी. और सीमा प्रबंधन से जुड़ी नियमित प्रक्रिया है।
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उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार की बैठक एल.ओ.सी. पर नियमित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना के अधिकारियों ने अपने समकक्षों के साथ घुसपैठ के प्रयासों, संघर्ष विराम उल्लंघन और आई.ई.डी. विस्फोटों का मुद्दा उठाया और उनके समक्ष विरोध दर्ज कराया।
सीमावर्ती बिंदु चकन-दा-बाग क्षेत्र में 2 अप्रैल को 75 मिनट तक चलने वाली ब्रिगेड कमांडर स्तर की ‘फ्लैग मीटिंग' हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने सीमाओं पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता का उल्लेख किया था। रक्षा प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि 1 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एल.ओ.सी. पर एक बारूदी सुरंग फटने के बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना उकसावे के गोलीबारी करके संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।
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सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि 13 फरवरी को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों पर बिना उकसावे के गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान द्वारा कृष्णा घाटी सैक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन उस घटना के एक दिन बाद किया गया जिसमें जम्मू जिले के अखनूर सैक्टर में नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा किए गए एक ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस' (आई.ई.डी.) विस्फोट में एक कैप्टन सहित भारतीय सेना के 2 सैनिक शहीद हो गए थे।
भारत और पाकिस्तान ने 25 फरवरी, 2021 को जब से संघर्ष विराम समझौते को नवीनीकृत किया है तब से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन जैसी घटनाओं का होना बहुत कम हो गया है।
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