Edited By Neetu Bala, Updated: 26 Apr, 2025 01:33 PM

अमरनाथ यात्रा के लिए प्रमुख आधार शिविरों में से एक है और यह दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की ओर जाने वाले पारंपरिक 43 किलोमीटर के मार्ग पर पड़ता है।
जम्मू : पहलगाम हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि क्या इस बार 2025 में श्री अमरनाथ यात्रा होगी या नहीं। इस दुविधा पर उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि पहलगाम आतंकी हलमे के बाद वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा प्रभावित नहीं होगी। पहलगाम वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए प्रमुख आधार शिविरों में से एक है और यह दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की ओर जाने वाले पारंपरिक 43 किलोमीटर के मार्ग पर पड़ता है।
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उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला एक बड़ी घटना थी, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और परंपरा की नींव को हिला नहीं सकता। कश्मीरी खुद ही यात्रा की सुविधा देंगे, जैसा कि वे वर्षों से करते आ रहे हैं। इस वर्ष वार्षिक अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होने वाली है।
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चौधरी ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि पहलगाम हमले के बाद पर्यटक वापस जाएं। हम चाहते थे कि पर्यटक अपनी यात्रा पूरी करें, जिसकी उन्होंने योजना बनाई थी। हालांकि, हमने उन पर्यटकों को हर संभव सहायता प्रदान की जो वापस लौटना चाहते थे।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की भूमिका पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद को आत्मचिंतन करना होगा कि जब भी कुछ गलत होता है तो हमेशा उस पर ही उंगलियां क्यों उठती हैं। ऐसी घटनाओं में किसी दूसरे देश का नाम क्यों नहीं लिया जाता? पाकिस्तान चाहे जितना इंकार कर ले, लेकिन यह सच है कि आतंकवाद की जड़ें वहीं हैं।
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