J&K: आरक्षण के पुराने नियमों में बदलाव, Ladakh में इतने प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित

Edited By Neetu Bala, Updated: 04 Jun, 2025 04:23 PM

this much percentage of government jobs reserved in ladakh

यह भी प्रावधान है कि 3 साल से अधिक समय तक खाली पड़े आरक्षित पदों को अनारक्षित माना जाएगा।

जम्मू/लेह :   भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्षेत्र में 85 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख आरक्षण (संशोधन) नियम-2025 को मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम-2004 में संशोधन किया है। नए प्रावधानों के तहत, लद्दाख में आरक्षण का कुल प्रतिशत अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए कोटा को छोड़कर 85 प्रतिशत तक सीमित होगा। केंद्र सरकार और लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के बीच हुए समझौते के अनुसार, 80 प्रतिशत पद अनुसूचित जनजातियों के लिए, 4 प्रतिशत ए.एल.सी./एलओसी के पास रहने वाले लोगों के लिए और एक प्रतिशत अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित होंगे।

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नियम में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम की धारा 5 आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर लागू नहीं होगी और ऐसे वर्गों के लिए पदों को भरने की विधि निर्धारित की जा सकती है। जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम की धारा 5 आरक्षित श्रेणियों में पदों को भरने से संबंधित है और जम्मू-कश्मीर पर लागू प्रावधानों के अनुसार, किसी भी भर्ती प्रक्रिया के दौरान किसी भी आरक्षित श्रेणी से पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार उपलब्ध न होने की स्थिति में, उन पदों को खाली रखा जाएगा और अगली भर्ती प्रक्रिया में आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें यह भी प्रावधान है कि 3 साल से अधिक समय तक खाली पड़े आरक्षित पदों को अनारक्षित माना जाएगा।

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