Zojila Tunnel का निर्माण कार्य प्रतिकूल मौसम में भी जोरों पर, इन आधुनिक सुविधाओं से होगी लैस

Edited By Neetu Bala, Updated: 19 Dec, 2024 12:16 PM

the construction work of zojila tunnel is in full swing even in adverse weather

सुरंग पूरी हो जाने के बाद, यह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी, जिसके उपरांत संपूर्ण वर्ष के दौरान श्रीनगर और लेह के बीच की यात्रा एक स्वप्न न रहकर एक वास्तविकता में परिवर्तित हो जाएगी।

जम्मू/श्रीनगर : कश्मीर घाटी को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जोड़ने वाली सड़क के बीच स्थित जोजिला सुरंग परियोजना स्थल पर खराब मौसम की स्थिति के बावजूद निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। सुरंग के निर्माण में लगी निर्माण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र में मौसम सहित अन्य चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद निर्माण कार्य पूरे जोरों पर जारी है।

उल्लेखलीय है कि बर्फीली हवाओं, बर्फ से ढंके परिदृश्य सहित प्रतिकूल मौसम परिस्थितयों वाले इस क्षेत्र में स्थित सुरंग निर्माण स्थल पर सर्दियों के दौरान तापमान का शून्य से 18 डिग्री सैल्सियस से लेकर माइनस 21 डिग्री सैल्सियस के बीच नीचे गिर जाना एक आम बात है। निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भारी बर्फबारी और ठंडे तापमान के बावजूद जोजिला सुरंग परियोजना का काम आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि बदलते मौसम की स्थिति की निगरानी के लिए उन्नत मौसम केंद्र स्थापित किए हैं तथा निमार्ण कार्य में लगे इंजीनियर श्रमिक, ड्राइवर व अन्य सभी लोग तय समय सीमा से पहले सुरंग को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

एशिया की सबसे लंबी सुरंग का लगभग 60 से 70 प्रतिशत निर्माण का कार्य पूरा

अधिकारियों का यह भी कहना था कि सुरंग का लगभग 60 से 70 प्रतिशत निर्माण का काम पूरा हो चुका है, जिसमें मुख्य जोजिला सुरंग के आगे खुदाई का काम, पुल और सड़कों के निर्माण के अलावा कुछ छोटी सुरंगें शामिल हैं। वहीं 14.5 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग का कार्य एक बार पूरी हो जाने पर यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग के अलावा एशिया की सबसे लंबी दो दिशात्मक सुरंग होगी। इस मार्ग पर कई पुलों का तेज गति से निर्माण किया जा रहा है। सुरंग पूरी हो जाने के बाद, यह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी, जिसके उपरांत संपूर्ण वर्ष के दौरान श्रीनगर और लेह के बीच की यात्रा एक स्वप्न न रहकर एक वास्तविकता में परिवर्तित हो जाएगी। सुरंग के निर्माण के उपरांत बालटाल से मीनामार्ग की दूरी 40 किलोमीटर से घटकर 13 किलोमीटर रह जाएगी तथा यात्रा का समय भी डेढ़ घंटे तक कम हो जाएगा जिसमें सड़कें समतल होने के कारण यहां की यात्रा एक आनंदपूर्ण अनुभव होगा।

आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस होगी सुरंग

समुद्र तल से 11 हजार 575 फीट यानि 3528 मीटर की ऊंचाई पर निर्माणाधीन 9.5 मीटर चौड़ी, 7.57 मीटर ऊंची तथा 14.2 किमी लंबी, घोड़े की नाल के आकार की सिंगल-ट्यूब दो 2 लेन की सड़क वाली जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदरबल एवं लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के बीच हिमालय में जोजी-ला दर्रे के नीचे से गुजरती है। न्यू ऑट्रियन टनलिंग पद्धति का उपयोग करके निर्मित एवं सी.सी.टी.वी., रेडियो नियंत्रण, निर्बाध बिजली आपूर्ति, वेंटिलेशन आदि से लैस इस स्मार्ट सुरंग प्रणाली की परियोजना लागत वर्ष 2021 के अनुमान के अनुसार लगभग 8308 करोड़ रुपए है।

निकटवर्ती जेड-मोड़ सुरंग के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग लद्दाख श्रीअमरनाथ यात्रा के आधार शिविर स्थल बालटाल को साल भर का संपर्क प्रदान करेगी। क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय एवं अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के अलावा इससे सामरिक तौर पर भारतीय सशस्त्र बलों की रसद व्यवस्था एवं अन्य गतिविधियों को भी सुविधाजनक बनाएगी। भारत सरकार द्वारा जनवरी 2018 में अनुमति दिए जाने के उपरांत मई 2018 में ई.पी.सी. मोड (इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण) के तहत इसका निर्माण कार्य आरंभ हुआ था।

पहले इसे निजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पी.पी.पी. मोड के तहत बनाए जाने का प्रस्ताव था जहां निजी क्षेत्र को निवेश कर बाद में टोल के माध्यम से इसकी वसूली करनी थी, परंतु वर्ष 2013 से पांच बार बोलियां आमंत्रित करने के बावजूद एक निजी क्षेत्र द्वारा कोई रुचि न दिखाए जाने के चलते इसे ई.पी.सी. मोड में परिवर्तित किया गया।

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