Edited By Sunita sarangal, Updated: 13 Aug, 2024 09:46 AM
उप-राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन को विरासत में 28000 करोड़ रुपए का भारी बिजली ऋण मिला था।
श्रीनगर/जम्मू: जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने संसद में पारित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट के आंकड़े प्रस्तुत करने के उपरांत कहा कि बजट आबंटन में वृद्धि जम्मू-कश्मीर के विकास के प्रति केंद्र की गंभीरता को दर्शाती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 23 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के लिए 1,18,390 रुपए का बजट पेश किया था।
श्रीनगर में इंटरनैशनल कन्वैंशन सैंटर (आई.सी.सी.) में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि वह सभी क्षेत्रों को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चाहे वह कृषि, बागवानी, बिजली, बुनियादी ढांचा आदि हो। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जे. एंड के. बैंक को भारी कर्ज से सफलतापूर्वक बाहर निकालना सुनिश्चित किया है और इसे यू.टी. के लाभ कमाने वाले वित्तीय संस्थान में बदल दिया है। पहले जम्मू-कश्मीर को एक ‘ऋणग्रस्त राज्य’ के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले 5 वर्षों में प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर को आत्मनिर्भर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की दिशा में काम किया है।
उप-राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन को विरासत में 28000 करोड़ रुपए का भारी बिजली ऋण मिला था। वह इसे चुकाने में सक्षम हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों को सबसे सस्ती बिजली मिल रही है और पिछले तीन वर्षों में बिजली की कीमतों में कोई बढ़ौतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए मीटरिंग एक सफल कदम है।
इसके उपरांत उप-राज्यपाल ने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु त्वरित और समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बजट के मुख्य आंकड़े प्रस्तुत किए।
बजट के मुख्य आंकड़े
-बजट 2024-25 का आकार 1,18,390 करोड़ रुपए है। यह 2023-24 के व्यय से 30889 करोड़ रुपए अधिक है।
-2024-25 के लिए राजस्व प्राप्ति अनुमान 98,719 करोड़ रुपए और पूंजीगत प्राप्ति अनुमान 19,671 करोड़ रुपए है।
-2024-25 के लिए राजस्व व्यय 81,486 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है, जिसमें प्रशासनिक क्षेत्र को 9881.68 करोड़ रुपए, सामाजिक क्षेत्र को 24870.50 करोड़ रुपए, बुनियादी ढांचा क्षेत्र को 15719.40 करोड़ रुपए, आर्थिक क्षेत्र को 5555.48 करोड़ रुपए।
-2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय (यानी विकासात्मक व्यय) 36,904 करोड़ रुपए है, जिसमें प्रशासनिक क्षेत्र के लिए 1190.50 करोड़ रुपए, सामाजिक क्षेत्र के लिए 4217.65 करोड़, जिसमें से 40 प्रतिशत (1675 करोड़ रुपए) स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए आबंटित किया गया है।
-बुनियादी ढांचा क्षेत्र 11664.45 करोड़ रुपए, जिसमें से 35 प्रतिशत (4062 करोड़ रुपये) लोक निर्माण के लिए आबंटित किया गया है।
-आर्थिक क्षेत्र के लिए 6943.20 करोड़ रुपए, जिसमें से 54 प्रतिशत (3731.54 करोड़ रुपए) का बड़ा हिस्सा ग्रामीण विकास पर खर्च किया जाएगा।
- वर्ष 2024-25 के लिए जी.एस.डी.पी. 2,63,399 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया है, जो 2023-24 के जी.एस.डी.पी. की तुलना में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
- 2024-25 के लिए कर/सकल घरेलू उत्पाद अनुपात 7.92 प्रतिशत अनुमानित किया गया है, जो पिछले वर्ष के 5.68 प्रतिशत से अधिक है।
जम्मू-कश्मीर में राजस्व वृद्धि
1. यू.टी. सरकार ने जी.एस.टी. रिटर्न अनुपालन में सुधार किया, ई-स्टाम्पिंग प्रणाली शुरू की, डीलर पंजीकरण का विस्तार किया और पारदर्शी उत्पाद शुल्क नीलामी आयोजित की।
2. कर राजस्व 2022-23 में 12753 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 13,900 करोड़ रुपए हो गया है।
3. बिजली क्षेत्र में सुधारों के तहत, जून 2024 तक 5.74 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्रांसमिशन और वितरण घाटे में 25 प्रतिशत की कमी आई है और प्रति माह टैरिफ संग्रह में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
4. मीटरिंग शुरू करने और बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार करने के लिए यू.टी. सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप गैर-कर राजस्व 2022-23 में 5148 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 6500 करोड़ रुपए हो गया है, जिसमें 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।