Edited By Neetu Bala, Updated: 04 May, 2024 01:26 PM

अभिभावकों के अनुसार उक्त विद्यालय पूर्व में गांव के एक भवन में चलता था,
अनंतनाग ( मीर आफताब ) : सरकार शिक्षा क्षेत्र को दिन-ब-दिन सक्रिय बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के इन दावों के उलट देखने को मिल रही है। अनंतनाग जिले के कोकरनाग में आज भी ऐसे कई सरकारी स्कूल हैं जहां छात्रों को बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं प्रशासन भी छात्रों को राहत देने में विफल रहा है। कोकरनाग गुडोल में स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय मगरेपुरा में चल रहा है पिछले कई वर्षों से किराए का भवन है, स्कूल भवन की पहली मंजिल पर कई दुकानें हैं जबकि क्षेत्र के बच्चे उसी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं, जिसमें एक ही कमरे में पढ़ाई होती है, जिससे स्थानीय बच्चों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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अभिभावकों के अनुसार उक्त विद्यालय पूर्व में गांव के एक भवन में चलता था, जिसके बाद स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद विद्यालय को भी उसी कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे छात्र-छात्राओं को विद्यालय में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए जहां एक ओर स्कूल में न तो खेल का मैदान है और न ही बिजली, वहीं स्कूल में पानी की कमी के कारण भी बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से कई वर्ष पहले इस क्षेत्र में विद्यालय को भवन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल की गई थी, लेकिन अज्ञात कारणों से न तो विद्यालय भवन का निर्माण हो सका और न ही समस्या का समाधान हो सका। छात्रों व स्थानीय लोगों ने कई बार इलाके के जोनल अधिकारी के साथ-साथ जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी से भी मुलाकात की, लेकिन लोगों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
अभिभावकों ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग की है कि वह इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर राष्ट्र के निर्माता के भविष्य के प्रति अपनी रुचि दिखाएं, ताकि जम्मू-कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल हो सके।