Edited By Neetu Bala, Updated: 16 Sep, 2024 01:09 PM
12 राजनेताओं के पुत्र-पुत्रियां चुनाव मैदान में उतरकर परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं
जम्मू : जम्मू-कश्मीर में खानदानी राजनीति करने वाली पार्टियां परिवार का मोह नहीं छोड़ पा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की तरफ से परिवारवादी दलों को सीधे निशाने पर लेने के बावजूद 12 राजनेताओं के पुत्र-पुत्रियां चुनाव मैदान में उतरकर परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
जम्म-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री एवं नैशनल कॉन्फ्रैंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के खानदान की तीसरी पीढ़ी और पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला का बेटा उमर अब्दुल्ला 2 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी बिजबिहाड़ा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव मैदान में हैं।
अनंतनाग से सांसद मियां अल्ताफ का बेटा मियां मेहर अली कंगन विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में है। नैशनल कॉन्फ्रैंस के महासचिव एवं पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर का बेटा सलमान सागर और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद अकबर लोन का बेटा हिलाल अकबर लोन भी अपनी पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए चुनाव मैदान में है।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री दिलावर मीर का बेटा यावर मीर, नैशनल कॉन्फ्रैंस के कश्मीर संभाग के संभागीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री नासिर असलम वानी का बेटा बशीर अहमद वानी और कांग्रेस नेता गुलाम रसूल का बेटा इरशाद रसूल भी चुनाव लड़ रहा है।
नैशनल कॉन्फ्रैंस के पूर्व सांसद मोहम्मद शफी उरी का बेटा सज्जाद शफी उरी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर का बेटा रफी अहमद मीर भी चुनाव मैदान में अपनी ताल ठोक रहा है। वहीं नैशनल कॉन्फ्रैंस के नेता गुलाम कादिर परदेसी जोकि विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं, उनका बेटा एहसान परदेसी भी चुनाव लड़ रहा है। नैशनल कॉन्फ्रैंस के बड़े नेता रहे इफ्तिखार अंसारी का बेटा इमरान अंसारी भी चुनाव मैदान में पारिवारिक राजनीति की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।
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