Edited By Sunita sarangal, Updated: 14 Aug, 2024 10:32 AM
उच्च न्यायालय ने सोमवार को सिंह को दो दिन की मोहलत दी ताकि वे तय कर सकें कि वे आपराधिक अवमानना मामले में एक अधीनस्थ अदालत में माफी का हलफनामा पेश करना चाहेंगे या नहीं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय में अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.) के एक अधिकारी ने मंगलवार को गांदरबल में मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की अदालत में हलफनामा प्रस्तुत कर माफी मांगी। गांदरबल के उपायुक्त श्यामबीर सिंह ने मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट फैयाज अहमद कुरैशी की अदालत में एक हलफनामा प्रस्तुत कर माफी मांगी। मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि सिंह अदालत में उपस्थित हुए और मौखिक रूप से माफी की पुष्टि की तथा मामले की फाइल को निपटान के लिए उच्च न्यायालय को भेज दिया।
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सिंह ने यह भी कहा कि उनका न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है और वे अदालत के आदेशों का पालन करेंगे। उच्च न्यायालय ने सोमवार को सिंह को दो दिन की मोहलत दी ताकि वे तय कर सकें कि वे आपराधिक अवमानना मामले में एक अधीनस्थ अदालत में माफी का हलफनामा पेश करना चाहेंगे या नहीं। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति संजीव कुमार की खंडपीठ ने सिंह को अपना निर्णय लेने के लिए दो दिन का समय देते हुए मामले को बुधवार (14 अगस्त) को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने सोमवार की कार्यवाही के बाद पारित आदेश में कहा कि अवमाननाकर्ता ने इस अदालत में मौखिक रूप से कहा कि उसने जो कुछ भी किया, वह जानबूझकर अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं था। उसने इस पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा कि क्या वह माफी का हलफनामा दायर करने और व्यक्तिगत रूप से निचली अदालत के समक्ष पेश होने के लिए तैयार है।
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वर्ष 2018 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी सिंह के खिलाफ कार्यवाही तब शुरू की गई जब आरोप सामने आए कि उन्होंने गांदरबल के उप-न्यायाधीश फैयाज अहमद कुरैशी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की और उन्हें डराने-धमकाने एवं परेशान करने के लिए कथित तौर पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।