सावधान! Jammu Kashmir में दस्तक देने जा रही सर्दियां, बढ़ जाएंगी ये घटनाएं

Edited By Sunita sarangal, Updated: 19 Oct, 2024 02:23 PM

fire incidents in kashmir

बर्फ से ढके पहाड़ एवं मनमोहक दृश्यों को लेकर कश्मीर घाटी में आने वाली सर्दियां जहां पर्यटकों के लिए हर्ष का विषय होती हैं वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह मौसम कई तरह की समस्याएं लेकर आता है।

कश्मीर: बर्फ से ढके पहाड़ एवं मनमोहक दृश्यों को लेकर कश्मीर घाटी में आने वाली सर्दियां जहां पर्यटकों के लिए हर्ष का विषय होती हैं वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह मौसम कई तरह की समस्याएं लेकर आता है। आसमान छूती उपभोगता वस्तुओं की कीमतें तथा बिजली की कटौती से लेकर अक्सर जानलेवा और विनाशकारी साबित होने वाली आग लगने की घटनाएं एवं उनसे भी बढ़कर हिमपात के उपरांत हर क्षेत्र में फैलने वाला कीचड़, हर चीज स्थानीय लोगों की समस्याओं में वृद्धि का कारण बन जाती है।

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भीषण सर्दी से बचने के लिए कोयला, कैरोसिन, लकड़ी व एल.पी.जी. का किया जाने वाला व्यापक उपयोग शरद ऋतु के दौरान आग लगने की घटनाओं का मुख्य कारण बन जाता है। इन्हीं कारकों और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कश्मीर घाटी में अग्निशमन और आपातकालीन विभाग ने स्थानीय लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है। साथ ही आवासीय घरों और अन्य इमारतों में आग लगने से बचने के लिए सभी आवश्यक और संभव सावधानी बरतने पर जोर दिया है।

अक्तूबर के महीने से शुष्क मौसम की स्थिति आग लगने के जोखिम को काफी बढ़ा देती है, जिससे सतर्कता और तैयारी जरूरी हो जाती है। कश्मीर के घरों में निर्माण में लकड़ी सहित इस्तेमाल की जाने वाली अन्य ज्वलनशील सामग्री के मद्देनजर अग्निशमन व आपातकालीन विभाग के अधिकारियों ने लोगों से सभी सुरक्षा उपायों का पालन करने को कहा है।

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श्रीनगर तथा गांदरबल अग्निशमन और आपातकालीन सेवा उप निदेशक आकिब अहमद के अनुसार जैसे ही शुष्क मौसम के शुरू होते ही आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती उपाय अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पारंपरिक रूप से घरों के निर्माण में लकड़ी का व्यापक उपयोग होता है जो आग पकड़ने में अतिसंवेदनशील होती है। उनका कहना था कि घरों के डिजाइन और निर्माण चरणों के दौरान अक्सर अग्नि सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जाती है।

लोगों को चाहिए कि वह घरों के निर्माण में लकड़ी जैसी ज्वलनशील सामग्री का उपयोग करने से बचें या कम से कम अपने घरों में अग्नि-सुरक्षा डिज़ाइन को एकीकृत करें। ऐसे उपायों की कमी से अक्सर आग लगने पर व्यापक नुकसान होता है। बुनियादी अग्निशामक और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध होने से बेकाबू होने से पहले ही छोटे स्तर पर लगी आग को नियंत्रित किया जा सकता है।

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आकिब के अनुसार सर्दियों के दौरान लोग हीटिंग गैजेट्स पर अधिक निर्भर रहते हैं। इसलिए उन्हें उचित उपयोग और रखरखाव सुनिश्चित करने की आवश्यकता है क्योंकि खराब गैजेट और ओवरलोडेड सर्किट आग की घटनाओं के प्रमुख कारण बनते हैं। वहीं जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों से विशेष सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि कम नमी की मात्रा के कारण इन महीनों में जंगल की आग एक वास्तविक खतरा है। एक छोटी-सी चिंगारी जल्दी से बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बन सकती है, इसलिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतना महत्वपूर्ण है।

अग्नि से सुरक्षा के मुख्य सुझाव

दोषपूर्ण या पुराने हीटिंग गैजेट का उपयोग करने से बचें।

सुनिश्चित करें कि एल.पी.जी. सिलेंडर और कनेक्शन सटीक एवं रिसाव से मुक्त हैं।

घरों और सार्वजनिक भवनों में बुनियादी अग्निशामक यंत्र लगाएं।

बिजली के सर्किट को उच्च शक्ति वाले उपकरणों के साथ ओवरलोड करने से बचें।

लकड़ी के ढांचों समेत अन्य संवेदनशील स्थानों के पास खुली लपटों से सावधान रहें।

घर के अंदर हीटिंग उपकरणों का उपयोग करते समय उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।

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