Edited By Neetu Bala, Updated: 09 Feb, 2025 07:14 PM
![danger for kashmir less rain can lead to water shortage glaciers too](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_19_13_454054712fsdfsdfsfsfsew-ll.jpg)
रे उत्तर भारत में कम वर्षा की वजह से ठंड के दिन कम हो गए और समय से पहले गर्मी का अहसास होना शुरू हो गया है।
श्रीनगर : पूरे उत्तर भारत में कम वर्षा की वजह से ठंड के दिन कम हो गए और समय से पहले गर्मी का अहसास होना शुरू हो गया है। जनवरी से छह फरवरी तक घाटी में 88 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति जारी रही, तो गर्मियों में पानी की कमी हो सकती है।
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार अहमद ने बताया कि 16 फरवरी तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है, जबकि नौ से 12 फरवरी तक कुछ पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है।
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पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. शकील रोमशो ने तापमान में असामान्य बढ़ोतरी और उसके ग्लेशियरों पर प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अधिकतम तापमान बढ़ने के कारण स्थानीय ग्लेशियरों पर जमा बर्फ समय से पहले पिघल रही है, जो भविष्य में जनजीवन और कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
श्रीनगर में दिन भर धूप रही, जिससे ठंड से कुछ राहत मिली, जबकि रात के समय तापमान में गिरावट बनी रही। इस प्रकार, मौसम की ये हालत जलस्रोतों के सूखने की कगार पर ला सकती है, जो निश्चित रूप से आने वाले समय में गंभीर चुनौतियों का सामना करा सकती है।
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