Edited By VANSH Sharma, Updated: 18 Jul, 2025 11:01 PM

TRF वही संगठन है जिसने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
जम्मू डेस्क: अमेरिका ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक फ्रंट ग्रुप The Resistance Front (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) घोषित कर दिया है। TRF वही संगठन है जिसने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
TRF क्या है?
TRF की शुरुआत 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुई थी। इसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त है। यह संगठन भारत में हिंसा फैलाने के लिए आम नागरिकों, अल्पसंख्यकों, पर्यटकों और सुरक्षा बलों पर हमले करता है। TRF के पहले नेता मुहम्मद अब्बास शेख और उसके ऑपरेशनल चीफ बसीत अहमद डार मारे जा चुके हैं। अब इसका टॉप कमांडर शेख सज्जाद गुल है, जो अभी भी सक्रिय है। खबर है कि TRF का मुख्य ठिकाना अब पाकिस्तान के मुरिदके से बहावलपुर शिफ्ट किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना के पूर्व कमांडो हाशिम मूसा जैसे आतंकियों को भी TRF में शामिल किया गया है।
अमेरिका का फैसला और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि TRF को आतंकी संगठन घोषित करना आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की सख्त नीति को दिखाता है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल का पहलगाम हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे बड़ा नागरिक हमला था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह भारत और अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद विरोधी सहयोग का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस जरूरी है।
भारत-अमेरिका की साझेदारी
भारत में अमेरिकी दूतावास ने भी इस फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि TRF जैसे आतंकी संगठन भारत की शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। TRF को लश्कर-ए-तैयबा का नकली नाम बताया जाता है, जो दुनिया भर की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया है।
TRF को आतंकी संगठन घोषित करना यह साफ संकेत देता है कि दुनिया अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी। भारत और अमेरिका की यह साझेदारी ऐसे खतरों से लड़ने के लिए जरूरी है।
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