Edited By Sunita sarangal, Updated: 28 May, 2024 10:36 AM
![acb arrested cashier taking bribe](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_10_35_595403490bribe-ll.jpg)
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार सुरक्षा राशि जारी करने के लिए विभाग से संपर्क किया
सोपोर(मीर आफताब): ए.सी.बी. जम्मू-कश्मीर ने के.पी.डी.सी.एल. सब ट्रांसमिशन डिवीजन सोपोर के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय में एक कैशियर को शिकायतकर्ता की सुरक्षा जमा राशि जारी करने के लिए 9000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
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ए.सी.बी. प्रवक्ता ने बताया कि ए.सी.बी. को कार्यकारी अभियंता के.पी.डी.सी.एल. सोपोर के कार्यालय में वरिष्ठ सहायक-सह-कैशियर मोहम्मद शफी भट के खिलाफ शिकायत मिली थी। इस शिकायत में 15560 रुपये की सुरक्षा राशि जारी करने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था। बयान में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि वह हजरतबल श्रीनगर में मेसर्स प्रिंट प्लस नाम से एक फर्म चलाता है और 2021 में उसने कार्यकारी अभियंता सोपोर के कार्यालय को स्टेशनरी आइटम और लॉग बुक की आपूर्ति की थी। इसके लिए आपूर्ति की गई वस्तुओं के बिल का भुगतान विभाग द्वारा किया गया था, लेकिन 15,560 रुपये की सुरक्षा जमा राशि लंबित है।
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उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार सुरक्षा राशि जारी करने के लिए विभाग से संपर्क किया, लेकिन मोहम्मद शफी किसी न किसी बहाने से उसे टालते रहे और अंत में ऐसा करने के लिए उनसे 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी और उन्होंने रिश्वत की मांग के संबंध में उक्त कैशियर के खिलाफ सबूत एकत्र किए हैं। इन परिस्थितियों में उन्होंने रिश्वत मांगने के लिए कैशियर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अनुरोध करते हुए लिखित शिकायत के साथ ए.सी.बी. से संपर्क किया।
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इसमें कहा गया है कि चूंकि शिकायत की विषय-वस्तु प्रथम दृष्टया आरोपी लोक सेवक द्वारा पी.सी. अधिनियम 1988 (इसके संशोधन अधिनियम 2018 के साथ) की धारा 7 के तहत दंडनीय अपराध का खुलासा करती है। तदानुसार उसके खिलाफ पी.सी. अधिनियम 1988 (इसके संशोधन अधिनियम 2018 के साथ) की धारा 7 के तहत एफ.आई.आर. संख्या 09/2024 दर्ज की गई और जांच शुरू की गई। प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी लोक सेवक को शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में उसके कब्जे से रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली गई। मामले में आगे की जांच जारी है।