Edited By Sunita sarangal, Updated: 28 May, 2024 04:19 PM
उनके क्षेत्र के अधिकांश युवा बेरोजगार थे, जो अब पर्यटन क्षेत्र से अपनी आय अर्जित कर रहे हैं।
बांदीपोरा(मीर आफताब): उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज में नियंत्रण रेखा के किनारे बसे सीमावर्ती गांव, जो कभी दो देशों के बीच तनाव के कारण उपेक्षित थे, अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभरे हैं, जहां हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं। एक समय सीमा पार से गोलाबारी और संघर्षों से घिरे ये इलाके अब शांति और समृद्धि का जश्न मना रहे हैं। यहां के निवासी गर्व से अपने घरों को पर्यटकों के लिए खोल रहे हैं और किशनगंगा नदी पर लगाए गए टैंट पूरे देश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
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गुरेज के दावर इलाके के एजाज अहमद ने मीडिया से बात करते हुए सकारात्मक बदलाव पर खुशी जाहिर की और पूरे साल पर्यटन में बढ़ोतरी का हवाला दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते के परिणामस्वरूप सीमावर्ती निवासियों के लिए पर्यटकों का प्रवाह बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में 50 हजार पर्यटक गुरेज घाटी आए, जिससे न केवल सीमावर्ती गांवों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी, बल्कि क्षेत्र में विकास को भी बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि वे सीमा पर्यटन खोलने के लिए सरकार के आभारी हैं।
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उनके क्षेत्र के अधिकांश युवा बेरोजगार थे, जो अब पर्यटन क्षेत्र से अपनी आय अर्जित कर रहे हैं। किशगंगा नदी के किनारे टैंट लगाने वाले एक अन्य स्थानीय युवक फुरकान ने कहा कि पहले उन्हें सेना में मजदूरों की तरह काम करने के लिए प्रतिबंधित किया गया था, जो केवल 6 महीने के लिए था। अब गुरेज घाटी के युवा पर्यटक गाइड के रूप में काम करते हैं और कइयों ने अपने होटल खोल लिए हैं। उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों में हमेशा शांति बनी रहेगी ताकि दोनों तरफ के लोग अपने जीवन में बिना किसी डर के रह सकें।