Edited By Neetu Bala, Updated: 09 Aug, 2025 02:43 PM

तक्शवि की मीठी मुस्कान और भाइयों के साथ का यह अनमोल लम्हा सभी की आंखों में खुशी के आंसू ले आया।
हीरानगर ( लोकेश ) : रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार लोकेश के परिवार के लिए यादों में हमेशा के लिए बस जाने वाला दिन बन गया। 64 साल बाद घर में जन्मी नन्हीं परी तक्शवि ने महज 12 दिन की उम्र में अपने बड़े भाइयों गोकुल और दिव्यांश की कलाई पर पहली बार राखी बांधकर इस पावन रिश्ते की डोर को और भी मजबूत कर दिया।
तक्शवि का जन्म परिवार के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। उसके जन्म के दिन से ही घर में जैसे खुशियों की बरसात हो गई। पूरे परिवार ने बेटी के स्वागत ढोल नगाड़ा के साथ बड़े धूमधाम से किया। महज 12 दिन बाद रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व पर उसकी मासूम नन्हीं उंगलियों से भाइयों की कलाई पर राखी बंधते ही घर का माहौल भावुक और खुशियों से भर गया। तक्शवि के पिता ने गर्व से कहा कि 64 साल बाद हमारे घर में नन्हीं बेटी आई है। यह हमारे लिए लक्ष्मी माता के आगमन जैसा है। आज तक्शवि की पहली राखी है और इसने हमारे घर की खुशियों को कई गुना बढ़ा दिया। यह पल हम जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगे। परिवार के बुजुर्गों के मुताबिक, इतने लंबे समय बाद बेटी का जन्म होना पूरे खानदान के लिए सौभाग्य की बात है। रक्षाबंधन के इस मौके पर तक्शवि की मीठी मुस्कान और भाइयों के साथ का यह अनमोल लम्हा सभी की आंखों में खुशी के आंसू ले आया।
यह रक्षाबंधन न केवल भाइयों-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला पर्व बना, बल्कि 64 साल बाद आई इस नन्हीं परी ने इसे पूरे परिवार के लिए एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय दिन बना दिया।
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