Edited By Sunita sarangal, Updated: 01 Nov, 2024 11:07 AM
एक स्थानीय प्रतिभागी ने कहा कि वहह यहां शांति और एकता का प्रकाश फैलाने आए हैं।
श्रीनगर(मीर आफताब): श्रीनगर का दिल दिवाली के उत्सव से जगमगा उठा क्योंकि सैकड़ों लोग लाल चौक के ऐतिहासिक घंटाघर में पारंपरिक दीये जलाने के लिए एकत्र हुए। इस उत्सव में विभिन्न क्षेत्रों के लोग ‘रोशनी के त्योहार’ में भाग लेने के लिए आए। दीयों ने पूरे इलाके को रोशन कर दिया और माहौल खुशी और पुरानी यादों का मिश्रण बन गया।
एक स्थानीय प्रतिभागी ने कहा कि वहह यहां शांति और एकता का प्रकाश फैलाने आए हैं। उन्होंने दिवाली समारोह के महत्व पर प्रकाश डाला। एक अन्य सहभागी ने भी कहा कि दिवाली केवल एक त्योहार नहीं है। यह हमारी साझा विरासत का उत्सव है। हमारे समुदाय को इस तरह एक साथ आते देखना उन्हें खुशी और भविष्य के लिए उम्मीद से भर देता है। इस साल दिवाली पर स्थानीय रूप से तैयार किए गए दीयों और मिट्टी के बर्तनों की मांग में भी उछाल देखा गया।
श्रीनगर के मोहम्मद उमर कुमार जैसे कारीगरों ने कहा कि उन्होंने प्रभावशाली बिक्री की। उन्होंने कहा कि ऐसी परंपराओं के माध्यम से लोगों को एक साथ आते देखना प्रेरणादायक है। उन्होंने त्योहार से पहले 2,500 से अधिक दीये बेचे। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में कुल मिलाकर बाजार में गतिविधि कम रही, लेकिन आगंतुकों की आमद उत्साहजनक थी।
गांदरबल जैसे क्षेत्रों के कुम्हारों ने कहा कि दिवाली के दौरान पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों में बढ़ती रुचि उनके शिल्प को पुनर्जीवित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार न केवल घरों को रोशन करता है बल्कि सदियों पुरानी परंपराओं में नई जान फूंकता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here